
सुप्रीम कोर्ट ने डीजल कार निर्माताओं और उपभोक्ताओं, दोनों को ही बड़ी छूट दी है। कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में 2000 सीसी या उससे ज्यादा क्षमता वाली डीजल कारों के रजिस्ट्रेशन पर लगे बैन को वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को यह भी कहा कि इन कारों का इस्तेमाल करने वाले लोगों को 1 प्रतिशत ग्रीन सेस चुकाना होगा। कोर्ट के इस फैसले से नई एसयूवी कार खरीदना चाह रहे लोगों को राहत मिलेगी।
इससे पहले, कोर्ट ने 9 मई को संकेत दिया था कि वह दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 2000 सीसी से ऊपर के इंजन की क्षमता वाली नई डीजल लक्जरी कारों के पंजीकरण पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश में राहत देने पर विचार कर सकता है। चीफ जस्टिस टीएस ठाकुर की मौजूदगी वाली पीठ ने कहा था, ‘बुनियादी तौर पर हमारा मानना है कि डीजल वाहन दूसरे वाहनों की तुलना में अधिक प्रदूषण करते हैं। हम सही हो सकते हैं, हम गलत हो सकते हैं। हम इसमें संशोधन करने के लिए तैयार हैं।’ देश की सबसे बड़ी अदालत ने दिल्ली सरकार, पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण और टैक्सी मालिक संघ से कहा था कि एनसीआर से डीजल वाहनों को हटाने की ठोस रूपरेखा दें।