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विजय माल्या दोबारा नहीं बन पाएंगे किंगफिशर के सीएमडी

नई दिल्ली। यूबी ग्रुप के मुखिया विजय माल्या के लिए परेशानी बढ़ती जा रही है। एमडी के तौर पर दोबारा नियुक्ति के किंगफिशर एयरलाइंस के आवेदन को सरकार ने सोमवार को खारिज कर दिया। वहीं, यूएसएल-यूबी ग्रुप के बीच सौदों में निवेशकों ने अड़ंगा लगा दिया है। यूनाइटेड स्पिरिट्स (यूएसएल) की ईजीएम यानी असाधारण आम बैठक में निवेशकों ने कुल मिलाकर 12 में से नौ प्रस्ताव खारिज कर दिए।

किंगफिशर ने पांच साल की अवधि के लिए माल्या की दोबारा नियुक्ति के संबंध में कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से मंजूरी मांगी थी। इस नियुक्ति के तहत माल्या को वेतन-भत्ते नहीं मिलने थे। फिलहाल कंपनी ने इसके पीछे कोई कारण नहीं बताया है। सरकारी सूत्रों का कहना है कि यह फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि किंगफिशर कर्जदाताओं से आवश्यक मंजूरी नहीं ले सकी।

गंभीर वित्तीय संकट के चलते एयरलाइंस का संचालन कई साल से बंद है। लिस्टिंग करार का पालन न करने के लिए स्टॉक एक्सचेंजों ने भी उस पर कार्रवाई की है। कंपनी ने बीती कुछ तिमाहियों के वित्तीय नतीजे नहीं घोषित किए हैं। इसके चलते किंगफिशर और समूह की एक अन्य फर्म यूबी इंजीनियङ्क्षरग के शेयरों में कारोबार को रोकने का फैसला किया गया है।

इसके अलावा बीते हफ्ते यूनाइटेड स्पिरिट्स के छोटे निवेशकों ने कई प्रस्तावों को खारिज कर माल्या को आईना दिखा दिया। इन प्रस्तावों में माल्या के साथ कंपनी के सौदों के संबंध में भी प्रस्ताव शामिल थे। प्रस्तावित सौदे से यूबी ग्रुप को 800 करोड़ रुपये आय की उम्मीद थी। माल्या का ग्रुप यूनाइटेड स्पिरिट्स में मालिकाना हिस्सेदारी शराब बनाने वाली दिग्गज ब्रिटिश कंपनी डियाजियो को बेच चुका है।

माल्या की कई बैंकों से कानूनी लड़ाई भी चल रही है। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया उन्हें जानबूझकर कर्ज न चुकाने वाला (विलफुल डिफॉल्टर) घोषित कर चुका है। कुछ दूसरे बैंक भी इस राह पर चल पड़े हैं। किंगफिशर पर इन बैंकों का हजारों करोड़ रुपये बकाया है। माल्या फिलहाल किंगफिशर के सीएमडी हैं। जबकि इस साल के शुरू में संजय अग्रवाल के अलविदा कहने के बाद कंपनी बिना सीईओ के है।

एमसीएफएल बोर्ड से माल्या का इस्तीफा

नई दिल्ली। यूबी ग्रुप की कंपनी मंगलोर केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर्स (एमसीएफएल) के निदेशक मंडल से विजय माल्या ने इस्तीफा दे दिया है। इसके पीछे उन्होंने कोई कारण नहीं बताया है। एमसीएफएल के अधिग्रहण के लिए दीपक फर्टिलाइजर्स और जुआरी समूह के बीच होड़ रही है।

फिलहाल माल्या के इस्तीफे के बाद एमसीएफएल के शेयरों में 15 फीसद से ज्यादा की तेजी आई। माल्या का यूबी गु्रप जुआरी समूह के साथ मिलकर दीपक फर्टिलाइजर्स को एमसीएफएल पर नियंत्रण पाने से रोकता रहा है। दीपक फर्टिलाइजर्स की फर्म में 32 फीसद हिस्सेदारी है, जबकि प्रतिद्वंद्वी जुआरी-यूबी समूह की संयुक्त हिस्सेदारी 38.4 फीसद है।

NCR Khabar News Desk

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