नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सख्ती के बाद केंद्रीय खाद्य प्रस्संकरण राज्य मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने दिल्ली में एक चुनावी सभा में दिए आपत्ितजनक बयान पर माफी मांग ली। उन्होंने सोमवार को रॉबर्ट वाड्रा पर निशाना साधते हुए जनता से कहा था कि आपको तय करना है कि दिल्ली में रामजादों की सरकार बनाओगे या …. (अपशब्द) की सरकार।
केंद्रीय मंत्री निरंजन ज्योति ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा पर निशाना साधते हुए कहा कि बर्तनों की दुकान चलाने वाले का बेटा, सोनिया गांधी का दामाद अरबपति-खरबपति कैसे बन गया। उसने गरीबों को लूटा है, चूसा है। मोदी जी कहते हैं कि न खाएंगे, न खाने देंगे। यह आपको तय करना है कि दिल्ली में रामजादों की सरकार बनेगी या …. (अपशब्द) की सरकार।
ज्योति ने मंगलवार को पहले अपने आपत्ितजनक बयान पर माफी मांगने से इन्कार करते हुए एक नया विवादास्पद बयान दे दिया। उन्होंने कहा कि इस देश में रहने वाले तमाम ईसाई, मुसलमान भी राम की संतानें हैं। जो ये नहीं मानते वे इस देश को भी नहीं मानेंगे। बाद में हंगामे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा वाणी में संयम बरतने की सलाह के बाद ज्योति ने राज्यसभा में खेद प्रकट करते हुए कहा कि मैं अपने द्वारा कहे शब्दों को वापस लेती हूं।
उल्लेखनीय है कि ज्योति के कल के बयान पर संसद के दोनों सदनों में हंगामा शुरू हो गया। राज्यसभा में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इस तरह के बयान न केवल आपत्ितजनक बल्कि अस्वीकार्य हैं। इसके बाद भी कांग्रेस के सदस्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते रहे। इस पर जेटली ने कहा कि जब मंत्री ने माफी मांग ली है तो इस मामले को यही खत्म कर देना चाहिए।