दादरी नगर पालिका चुनाव में प्रत्याशियों की घोषणा होने के बाद लोगों ने अपने अपने मुद्दे उठाने शुरू कर दिए हैं एनसीआर खबर को भेजी अपनी समस्याओं में दादरी नगर पालिका की है 9 वार्डों के अंतर्गत आने वाले एकमात्र श्मशान घाट की बदहाली पर लोगों ने अध्यक्ष गीता पंडित पर सवाल उठाए है लोगों ने कहा कि 10 साल के उनके शासन के बाद इस श्मशान घाट की चारदीवारी गिर गई है आसपास के अधिकांश हिस्से पर लोगों ने कब्जा कर लिया है।
नगरपालिका ने भी इसका विकास करने की जगह शहर का कूड़ा यहां डालकर इसका रास्ता अवरुद्ध कर दिया है । 9 वार्डों के एकमात्र श्मशान घाट के प्रति नगरपालिका की आशा मानदेय संवेदनशीलता पर सवाल उठ रहे हैं साथ ही यह सवाल अध्यक्ष गीता पंडित से भी पूछे जा रहे हैं लोगों के अनुसार दादरी पुराना कटहरा रोड पर 3 बीघा जमीन में बसा श्मशान घाट लगभग 30 साल पुराना है जिसमें नगर के वार्ड संख्या 4 5 6 7 8 9 10 11 12 के लोग यहां पर आते है । इन वार्ड में लगभग 50 हजार परिवार रहते है ।
कभी 5 लोगों की समिति बनाकर बनाए गए श्मशान घाट पर नगर पालिका अध्यक्ष की बेरुखी अब लोगों के लिए नए अध्यक्ष की तलाश के रूप में समाप्त हो रही है ऐसे में भाजपा प्रत्याशी क्या इस बार इसको बनवाने का वादा करेंगे या फिर लोग उनका विकल्प तलाश लेंगे
आपको बता दें कि दादरी नगर पालिका के चुनाव में भाजपा से तीसरी बार गीता पंडित को टिकट दिया गया है जबकि समाजवादी पार्टी से अयूब मालिक, बसपा से रविंद्र सिंह, आम आदमी पार्टी सरिता देवी, राष्ट्रीय लोक दल से आजाद मलिक, सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी से शहाबुद्दीन, कांग्रेस से अशोक कुमार शर्मा और कालूराम, रिजवाना, कैलाश कुमार, योजना रावल, छाया शर्मा, राजू देव सागर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं वहीं पार्टी के पुराने कार्यकर्ता जग भूषण गर्ग भी इस सीट पर निर्दलीय खड़े हो गए हैं । हालात ये थे कि नामांकन में जब बड़ी संख्या में घर के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं की भीड़ दिखाई दी थी जबकि गीता पंडित के साथ सिर्फ सांसद विधायक और भाजपा अध्यक्ष दिखाई दे रहे थे । ऐसे में लोगो का कहना है cस्थानीय मुद्दों पर गीता पंडित की नाकामी कहीं भाजपा को इस बार सीट पर भारी न पड़ जाए