
नई दिल्ली, । देश के उत्तरी भूभाग में शीतलहर अपने चरम की ओर बढ़ रहा है। गुरुवार देर रात शुरू हुए घने कोहरे का प्रकोप शुक्रवार सुबह तक जारी रहा। इससे ट्रेनों के संचालन पर काफी प्रभाव पड़ा। कुछ ट्रेनें तो 20-20 घंटे विलंब से गंतव्य को पहुंचीं जिससे यात्रियों को मुसीबतों का सामना करना पड़ा। राजधानी सहित 100 ट्रेनें घंटों देरी से दिल्ली पहुंचीं। इस वजह से 27 ट्रेनों के प्रस्थान समय में बदलाव करना पड़ा। हवाई यातायात भी काफी प्रभावित रहा।
उत्तर प्रदेश में धुंधजनित हादसों व सर्दी लगने में 11 लोगों की मौत हो गई। उत्तराखंड के उच्च पर्वतीय इलाकों में हल्की बर्फबारी हुई जबकि हिमाचल प्रदेश में हिमपात के बाद फैली अव्यवस्था काफी हद तक दूर कर ली गई है।उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब और हरियाणा में घने कोहरे से यातायात पर बेहद प्रभाव पड़ा। दिन भर ठंडी हवाएं चलती रहीं। राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी यही हाल रहा। दिल्ली में न्यूनतम तापमान 7.4 डिग्री सेल्सियस रहा। कोहरे के चलते कोटा से वाराणसी होकर पटना जाने वाली कोटा-पटना एक्सप्रेस 23 घंटे तो अमृतसर से हावड़ा जाने वाली पंजाब मेल करीब 20 घंटे देरी से गंतव्य को पहुंचीं।
कोलकाता राजधानी दो घंटे, सियालदह राजधानी तीन घंटे जबकि भुवनेश्वर राजधानी लगभग दो घंटे की देरी से रवाना की गई। उत्तराखंड के पहाड़ों में मौसम आंख मिचौनी खेलता रहा तो मैदान कोहरे के आगोश में रहे। गंगोत्री और यमुनोत्री की पहाडि़यों पर हिमपात हुआ। पौड़ी, चमोली और रुद्रप्रयाग में सुबह बूंदाबांदी हुई, लेकिन दोपहर बाद धूप निकलने से लोगों ने राहत की सांस ली। बदरीनाथ, हेंमकुंड और गौरसों बुग्याल की पहाडि़यों में भी बर्फबारी हुई।
भारी हिमपात से अस्त-व्यस्त हुए हिमाचल प्रदेश के मनाली में जनजीवन धीरे-धीरे पटरी पर लौटने लगा है। शहर की सभी सड़कों से बर्फ साफ कर दिया गया है। जम्मू-कश्मीर में चिल्ले कलां (वादी में सर्दियों में सबसे ठंडे दिन) की आमद से 48 घटे पहले मौसम ने बदलाव के संकेत देते हुए न्यूनतम तापमान में सुधार लाया। वादी के उच्चपर्वतीय और निचले इलाकों में रविवार को हिमपात व बारिश की संभावना है। कश्मीर में सर्दियों के दौरान सबसे ठंडे 40 दिनों को चिल्ले कलां कहा जाता है। ये दिन 21 दिसंबर को शुरू हो रहे हैं।