‘स्वच्छ भारत अभियान’, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को खुद झाड़ू लगाकर शुरू किया वह ‘निर्मल भारत अभियान’ से अलग कुछ भी नहीं। पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम के इस बयान से देश की राजनीति ने एक नया मोड़ ले लिया है। चिदंबरम ने बीजेपी नीत एनडीए सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस नीत यूपीए सरकार की योजना ‘निर्मल भारत अभियान’ का ही नाम बदलकर इस योजना को शुरू किया गया।
चेन्नै में गांधी जयंती पर पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चिदंबरम ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई नई योजना ‘स्वच्छ भारत अभियान’ पूरी तरह से ‘निर्मल भारत अभियान’ का ही नया रूप है।
कांग्रेस सरकार द्वारा शुरू की गई स्कीम्स का नाम बदलकर उन्हें नए सिरे से चलाने का आरोप मढ़ते हुए चिदंबरम ने ऐसी योजनाओं को सूचीबद्ध किया। चिदंबरम ने कहा कि पीएम जिन योजनाओं को शुरू करने का दावा करते हैं उनका सिर्फ नाम ही बदला गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का ‘स्किल डिवेलपमेंट मिशन’ अब बीजेपी का ‘स्किल इंडिया मिशन’ बन चुका है, कांग्रेस का ‘वित्तीय समावेशन’ अब ‘जन धन योजना’ बन चुका है। सभी योजनाएं वही हं बस बीजेपी ने उनका बड़े स्तर पर प्रचार कर दिया है जो हम नहीं कर सके।
अनुभवों को साझा करते हुए पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अगर कोई यह देख रहा है कि सरकार क्या कर रही है तो उसे यह भी देखना चाहिए कि सरकार क्या नहीं कर रही है। 100 दिनों का रोजगार देने वाली स्कीम मनरेगा को कदम दर कदम खत्म किया जा रहा है।
चिदंबरम ने कहा कि हालांकि योजना के अंतर्गत 100 दिन का रोजगार देने की गारंटी है लेकिन इस साल औसतन यह 31 दिन पर सिमट चुका है। कुछ राज्यों ने तो 31 दिन ही पूरे नहीं किए हैं। स्कीम के लिए आवंटित होने वाले बजट को भी 40 हजार करोड़ से घटाकर 33 हजार करोड़ कर दिया गया है।
एनडीए सरकार पर चिदंबरम के हमले यहीं नहीं रुके। उन्होंने वर्तमान सरकार पर शारीरिक रूप से अक्षम और पुराने पेंशनर्स को अयोग्य ठहराने के लिए नए प्रतिबंधों को डालने का आरोप लगाया।
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय पर कुछ नहीं करने का आरोप लगाते हुए चिदंबरम ने कहा कि मंत्रालय ने सिर्फ पूर्ववर्ती सरकार की कल्याणकारी योजनाओं को सूचीबद्ध करने का काम ही किया है। और वह अब जिसपर बात करते हैं, वह ‘लव जिहाद’ है। चिदंबरम ने कार्यकर्ताओं से कहा कि वह एआईएडीएमके चीफ और पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को आय से अधिक संपत्ति मामले में सजा मिलने से तमिलनाडु की राजनीतिक स्थिति में आए खालीपन का फायदा उठाएं।