श्रीनगर में ISIS का झंडा- उमर बेफिक्र, आर्मी चिंतित

कश्मीर के कुछ युवाओं द्वारा खतरनाक आतंकी संगठन आईएसआईएस के झंडे दिखाने पर इस क्षेत्र के टॉप इंडियन आर्मी कमांडर सुब्रत साहा ने बेहद चिंताजनक बताया है। उन्होंने बुधवार को कहा कि आईएसआईएस में कश्मीरी युवाओं को आकर्षित करने की क्षमता है और आर्मी इस बात लेकर सतर्क है। आर्मी का यह बयान तब आया है जब जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने मंगलवार को कहा था कि घाटी में आईएसआईएस की मौजूदगी नहीं है। उन्होंने कहा था, ‘आप समझ लें कि घाटी में आईएसआईएस ग्रुप की अब तक कोई पहचान नहीं हो पाई है। इस आतंकी संगठन के झंडे को कुछ बेवकूफों ने लहराया था।’
पिछले हफ्ते ईद की नमाज के बाद एक पब्लिक पार्क में कुछ लोगों ने आईएसआईएस के झंडे लहराए थे। चिनार फौजी दस्ता 15 के कमांडिग ऑफिसर लेफ्टिनेंट जनरल साहा ने कहा कि हमलोग सीमा पर पाकिस्तानी आतंकियों से निपटने के लिए बेहद चौकसी बरत रहे हैं। उन्होंने कहा कि खुफिया विभाग से जुड़े लोग आईएसआईएस पर नजर रख रहे हैं। हमें सूचना मिली है कि घाटी में आईएसआईएस युवाओं को आकर्षित करने मे लगा है। साहा ने कहा कि आईएसआईएस ऑनलाइन नियुक्तियों को भी अंजाम देने में लगा है।
इस गर्मी के मौसम में घाटी में तीन अलग-अलग मौकों पर आईएसआईएस के झंडे और बैनर देखने को मिले हैं। खुफिया सूत्रों ने बताया कि पहली बार कश्मीर में 27 जून को आईएसआईएस का झंडा देखा गया। इसके बाद ईद में कई जगह ऐसे वाकये हुए। पहली बार आईएसआईएस का झंडा शिया वर्चस्व वाले इलाके श्रीनगर के जदिबल में देखा गया था।
उन्होंने कहा, ‘हम हर जरूरी कदम उठा रहे हैं, लेकिन मीडिया अभी भी दोषियों को दंडित न करने का हम पर आरोप लगा रहा है।’ श्रीनगर में आईएसआईएस के पोस्टर और झंडों की उपस्थिति के बाद भारतीय सेना ने जुलाई में कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अफगानिस्तान से आतंकवाद का संभावित फैलाव एक वास्तविक चिंता है।