महाराष्ट्र में नई सरकार के शपथ ग्रहण से पहले शिवसेना ने भाजपा के खिलाफ सोशल वार छेड़ दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से माफी मांगने के मुद्दे पर शिवसेना ने भाजपा को मुंहतोड़ जवाब दिया है।
भाजपा के विरोध की कमान शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे की अध्यक्षता वाली युवा सेना ने संभाली है। सोशल मीडिया पर वायरल हुई पोस्ट में भाजपा को निशाना बनाते हुए लिखा गया है कि हम झुकते नहीं झुकाते हैं। शिवसेना स्टाइल में यह वाक्य भाजपा के लिए कड़ा संदेश है।
युवा सेना की ओर से वायरल हुई पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिवंगत बाल ठाकरे को नमन करते हुए दिखाया गया है। इस तस्वीर के साथ लिखा गया है कि हम झुकते नहीं झुकाते हैं। इससे एक बार फिर भाजपा और शिवसेना के बीच तल्खी का माहौल बनता दिखाई दे रहा है।
दरअसल, बृहस्पतिवार को मीडिया रिपोर्ट में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से यह कहा गया था कि जब तक शिवसेना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से माफी नहीं मांगती तब तक उसे महाराष्ट्र की भाजपा सरकार में शामिल नहीं किया जाएगा।
इस पर हालांकि महाराष्ट्र भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने सफाई दी थी कि माफी मांगने जैसी कोई बात नहीं है। हम बड़े दिलवाले हैं। किसी भी पार्टी से माफी मांग कर राजनीति नहीं की जाती।
बावजूद इसके युवा सेना ने भाजपा के खिलाफ सोशल वार शुरू कर दिया है। इस मुद्दे पर महाराष्ट्र भाजपा के नेताओं ने युवा सेना के पोस्ट से ही पल्ला झाड़ लिया है। प्रदेश भाजपा प्रवक्ता अवधूत वाघ ने युवा सेना के इस वार को पूरी तरह नजरंदाज कर दिया है। उन्होंने कहा है कि हम सत्ताधारी पार्टी हैं और ऐसी चीजों को तवज्जो नहीं देते।
शिवसेना ने फडनवीस को बताया अजातशत्रु
एक तरफ शिवसेना ने सोशल मीडिया पर भाजपा के खिलाफ वार छेड़ रखा है तो दूसरी तरफ भावी मुख्यमंत्री देवेंद्र फडनवीस का गुणगान भी शुरू कर दिया है। फडनवीस ने चुनाव के दौरान शिवसेना को शिवाजी महाराज के नाम पर हफ्ता वसूलने वाली पार्टी कहकर निशाना साधा था। उस बात को भूलकर शिवसेना ने फडनवीस को अजातशत्रु बताने लगी है।
शिवसेना के मुखपत्र में बृहस्पतिवार को कहा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मनोनीत मुख्यमंत्री फडनवीस के समीकरण से महाराष्ट्र के अच्छे दिन आने में अब कोई रुकावट नहीं है।
एनसीपी से समर्थन लेने के प्रति किया आगाह
शिवसेना ने एनसीपी से समर्थन लेने के प्रति भाजपा को आगाह किया गया है। पार्टी ने कहा है कि एनसीपी के रोम-रोम में भ्रष्टाचार है। इसलिए उसका समर्थन लेने पर सरकार की पवित्रता पर सवाल उठेगा।
दरअसल, शिवसेना नई सरकार में शामिल होने के मुद्दे पर अनिश्चितता की स्थिति से गुजर रही है, इसलिए भाजपा को एनसीपी से दूर रहने की बात कर रही है। शिवसेना यह अच्छी तरह जानती है कि यदि भाजपा सरकार बनाने के लिए एनसीपी का परोक्ष समर्थन नहीं लेती है तो शिवसेना का नई सरकार में शामिल होने का रास्ता साफ हो जाएगा।