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मोदी का असली फोकस आइडिया के अमल पर

कई मंत्रालयों के नौकरशाह इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाराष्ट्र और हरियाणा में अपनी चुनावी रैलियों में वाकई में क्या कह रहे थे? वह खुद को ‘छोटे लोगों के लिए आइडिया वाला छोटा शख्स’ बताते रहे हैं। यह बात कई मंत्रालयों को इस बाबत जारी निर्देश में भी झलकती है कि पहले से चल रहे कार्यक्रमों को किस तरह से लागू करना है।

दरअसल, कुछ मामूली बदलाव कर बेहतर मॉनिटरिंग और कंट्रोल सुनिश्चित करने की बात है। एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘हमारे पास बेहतरीन आइडिया हैं, लेकिन हम हमेशा इन आइडिया पर अमल में मात खा जाते हैं। जवाबदेही से जुड़े नियम इसमें मदद करेंगे।’

टॉप सरकारी सूत्रों ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि प्रधानमंत्री के ऑफिस (पीएमओ) और प्लानिंग कमीशन ने अलग-अलग मंत्रालयों से कहा है कि न सिर्फ नतीजे विभागों की जवाबदेही का हिस्सा होना चाहिए, बल्कि इन्वेस्टमेंट एफिशिएंसी का भी खयाल रखा जाना चाहिए। खासतौर पर इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्रालयों में।

मिसाल के तौर पर प्लानिंग कमीशन ने पेट्रोलियम मिनिस्ट्री को सही वक्त पर ‘इनवेस्टमेंट एफिशिएंसी’ और प्रॉजेक्ट से जुड़े एक्सट्रा कॉस्ट के बारे में सूचना देने को कहा है। सीनियर सरकारी अधिकारी ने बताया, ‘इन्वेस्टमेंट एफिशिएंसी का आकलन प्रॉजेक्ट पूरा करने की कॉस्ट और प्रॉजेक्ट की ओरिजिनल कॉस्ट के अंतर और इसमें लगे समय और प्रॉजेक्ट के लिए तय समय के अंतर के जरिए किया जाएगा।’ उनके मुताबिक, इन्वेस्टमेंट एफिशिएंसी का आकलन सालाना आधार पर किया जाएगा और इसकी रिपोर्टिंग पर्सेंटेज के हिसाब से की जाएगी।

पावर मिनिस्ट्री के लिए कुछ पैमाने पहले ही तय किए जा चुके हैं। मिसाल के तौर पर, कार्बन डाइऑक्साइड में कटौती, देश की कुल बिजली में रिन्यूअल एनर्जी की हिस्सेदारी और रिन्यूएल एनर्जी की प्रति व्यक्ति उपलब्धता। इंफ्रास्ट्रक्चर में अंतर-मंत्रालय झंझट से बचने के लिए रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्री को कैबिनेट से संपर्क किए बगैर अपने अधिकार क्षेत्र के भीतर विवाद निपटाने को कहा गया है।

हालांकि, मंत्रालयों को सभी कैबिनेट नोट के सर्कुलेशन से पहले इसे पीएमओ से मंजूर कराना होता है। प्रधानमंत्री ने पिछली सरकार के कुछ आइडिया को भी जारी रखने से परहेज नहीं किया है। मसलन आधार पहचान पत्र प्रोजेक्ट। एक सूत्र ने बताया, ‘साफ तौर पर ऐसा लगता है कि उनका फोकस इस बात पर है कि इन आइडिया को कैसे जमीनी स्तर पर अमलीजामा पहनाया जाए, बशर्ते यह सरकार के आइडिया से मौलिक तौर पर अलग नहीं हो।’

NCR Khabar News Desk

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