ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में एफडीआइ ऐनुअल वर्ल्ड डेंटल कांग्रेस के उद्घाटन अवसर पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने कहा कि देश में हरित व श्वेत क्रांति की तर्ज पर ओरल हेल्थ क्रांति की जरूरत है। उपमहाद्वीप में मुंह व दंत संबंधी बीमारियों को लेकर जागरूकता का अभाव है। देश में साठ फीसद बच्चे दंत क्षय से पीडि़त हैं। बदलती जीवन शैली, तंबाकू, अल्कोहल के बढ़े सेवन से मुंह संबंधी बीमारियां बढ़ी हैं। मुख कैंसर इस सदी की बड़ी बीमारी बनकर उभरा है। भारत इसमें पहले पायदान पर है।
उन्होने कहा कि मुंह संबंधी बीमारी का उपचार दंत चिकित्सकों के लिए चुनौती है। मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराना उनकी चुनौती है। अधिकतर लोग मुंह संबंधी बीमारी की वजह से सेहत पर पड़ने वाले प्रभाव को अनदेखा करते हैं। बीमारी से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। हालांकि दंत चिकित्सा ने सूचना प्रौद्योगिकी व मरीजों के रिकार्ड के डिजिटलीकरण से उपचार के नए आयाम को छुआ है। बीमारी का कारगर निदान, चिकित्सकों की दक्षता बढ़ी है। इंडियन डेंटल एसोसिएशन देशभर में तीन अभियान शुरू करने जा रही है, जो लोगों को बीमारी से बचाव के लिए जागरूक करने में मददगार होंगे। ओरल कैंसर फाउंडेशन की मदद से मुख कैंसर की जल्द पहचान कर उसका उपचार करना संभव होगा।
प्रदेश के राज्यपाल राम नाइक ने कहा कि दंत चिकित्सा को मरीजों के लिए और अनुकूल बनाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देश में दंत चिकित्सक बढ़े हैं। लेकिन गांवों में इनकी भारी कमी है। जहां जागरूकता में कमी की वजह से मुंह संबंधी बीमारी सबसे अधिक है। उन्होंने दंत चिकित्सकों का आह्वान करते हुए कहा कि वह गांवों में जाकर मरीजों का उपचार करें। इस अवसर पर इंडियन डेंटल एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष आर अहमद पर डाक टिकट जारी किया गया। कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री अहमद हसन, फेडरेशन ऑफ डेंटल इंटरनेशनल की अध्यक्ष डा.टीसी वांग, इंडियन डेंटल एसोसिएशन के अध्यक्ष डा. महेश वर्मा समेत विभिन्न देशों के प्रतिनिधि मंडल मौजूद थे।