वो महिला जिसे सारा देश लखनऊ रेप कांड की पीड़िता कह रहा है, जीवन के संघर्षों में गले तक डूबी थी पर जूझने से पीछे नहीं हटी। बीमार पति को अपनी एक किडनी देने के बाद नहीं बचा पाई। पति की जगह मिली नौकरी के साथ अकेले रहते हुये अपने बच्चों का पालन पोषण कर रही थी। पिता ने लाख कहा सब छोडकर आ जाओ पर उसमें अपनी लड़ाई खुद लड़ने का जज़्बा भी था और माद्दा भी। उस रात क्या हुआ, कैसे हुआ की तफसील जब आएगी तब आएगी पर उन बच्चों की माँ अब वापिस नहीं आएगी जिसका रेप अभी तक हो रहा है। कभी खबरों में, कभी तस्वीरों में, व्हाट्स एप पर, फेसबुक पर, साइट्स पर, हर जगह। आशीष अवस्थी लिखते है, बच्चों को सरकार ने गोद ले लिया, मुख्य आरोपी मनीष मिश्रा फरार है। पाँच में से चार को पकड़ लिया गया। मतलब वे अब सुरक्षित हैं अगले कई साल तक…….
अंजू शर्मा