नई दिल्ली। संसद में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के अभिभाषण पर चर्चा के दूसरे दिन यानी बुधवार को विपक्षी दलों के हमले का भाजपा ने जोरदार जवाब दिया। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने सरकार के 10 बिंदु सामने रखे। उन्होंने कहा कि इन्हीं बिंदुओं पर काम करते हुए सरकार आगे बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कहा कि चुनाव में हमारी मार्केटिंग अच्छी थी, लेकिन ऐसा माना जाता है कि मार्केटिंग तभी सफल होता है जब प्रोडक्ट अच्छा हो। इसलिए जनता ने हमें स्वीकार किया और कांग्रेस नकारा दिया।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा का जवाब देंगे। पहले वह लोकसभा में चार बजे फिर राज्यसभा में पांच बजे अपनी बात रखेंगे।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को संसद के दोनों सदनों के साझा सत्र को संबोधित किया था। इससे बाद मंगलवार को अभिभाषण पर सरकार की तरफ से लोकसभा में राजीव प्रताप रूडी व राज्यसभा में मुख्तार अब्बास नकवी ने शुरुआत की। इसके बाद विपक्ष ने मोदी सरकार को दोनों सदनों में जोरदार ढंग से घेरा। लोकसभा में कांग्रेस संसदीय दल के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा से दो टूक कह दिया, ‘कौरवों की संख्या चाहे जितनी ज्यादा हो, पांडव दबने वाले नहीं।’ राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद ने मोदी सरकार में सोच का अभाव बताते हुए कहा, उनकी ज्यादातर घोषणाएं संप्रग सरकार के फ्लैगशिप कार्यक्रमों की नकल भर हैं।
सत्ता में लौटने का विश्वास जताते हुए लोकसभा में मल्लिकार्जुन खड़गे ने सत्तारूढ़ दल से कहा, यह स्थायी नहीं है। भाजपा की मार्केटिंग अच्छी है, लेकिन इससे देश चलाना और गरीबों का पेट भरना संभव नहीं है। सरकार को जनादेश का अहंकार छोड़कर वायदे पूरा करने में जुट जाना चाहिए। राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद बोले, जनता जनादेश, कुर्सी व पैसा स्थायी तौर पर नहीं देती है। ‘सबका साथ सबका विकास’ का नारा तो संप्रग सरकार में मनमोहन सिंह के ‘इंक्लूसिव ग्रोथ’ का हिंदी अनुवाद भर है। आजाद ने पक्का मकान, पेयजल, स्वच्छता, देहात के सभी घरों को बिजली समेत अन्य एजेंडे गिनाए। मिनीमम गवर्नमेंट-मैक्सिमम गवनर्ेंस के मोदी के नारे पर चुटीले अंदाज में कहा, दुनिया के कुछ मुल्कों में यह चलता है जहां एक ही व्यक्ति शासन करता है, यह प्रयोग यहां संभव नहीं। सरकार के गरीबी मिटाओ के नारे पर कहा, 65 साल में तो यह संभव नहीं हो पाया। मोदी सरकार चंद दिन में पूरा करने का दावा कर रही है। ऐसा कर लिया तो समूचा विपक्ष उसे स्वर्ण पदक देगा। अल्पसंख्यकों पर अभिभाषण में जिक्र पर कहा, कहीं ये दांत हाथी के तो नहीं है, जो खाने के और दिखाने के और हैं। अगर सच में हृदय परिवर्तन हुआ है तो हम बधाई देते हैं।