ऐसे विज्ञापन जिसमें दिखाया जाता है कि लड़के-लड़कियां फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करते हैं उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। जिंदगी में खूब तरक्की करते हैं। अब ऐसे विज्ञापन नहीं बन सकेंगे।
गोरा बनने की चाहत के चलते देश में बढ़ते रंगभेद को लेकर फेयरनेस क्रीम के भेदभाव वाले विज्ञापनों पर पांबदी लग सकती है। फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों में बड़े पैमाने पर दिखाया जा रहा है कि जो लड़के और लड़कियां फेयरनेस क्रीम का इस्तेमाल करते हैं उनका आत्मविश्वास बढ़ जाता है। साथ ही अपनी जिंदगी में खूब तरक्की करते हैं। पर अब ऐसे विज्ञापन नहीं बन सकेंगे।
गोरा बनाने वाली क्रीम के विज्ञापनों में अब भेदभाव नहीं दिखाया जा सकेगा। इसके लिए नई गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं। अभी तक गोरा बनाने वाली फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों में कई बार यह दिखाया जाता था कि किसी का रंग दबा होने के कारण किसी की लड़की की शादी नहीं हो पाई। तो कोई लड़का गोरा न होने से परेशान है। पर अब ऐसा नहीं हो सकेगा।