अहमदाबाद, मनोनीत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जशोदाबेन ने कहा है कि समय आएगा तो फिर साथ होंगे। बरसों गुमनाम सी जिंदगी जीने वाली जशोदा बेन का कहना है कि मेरा कभी तलाक नहीं हुआ और पति ने देश सेवा के लिए घर त्यागा था। मोदी के पीएम बनने पर कहा कि वे अत्यंत खुश हैं। वह चाहती हैं कि मोदी इसी तरह सफलता की नई ऊंचाइयां छूते रहें।
एक गुजराती चैनल से बातचीत में जशोदाबेन ने मोदी के शपथग्रहण में शामिल होने की इच्छा भी जताई। दरअसल उनसे पूछा गया था कि अगर मोदी उन्हें शपथग्रहण समारोह में आमंत्रित करते हैं तो क्या वह जाएंगी? मोदी का शपथग्रहण समारोह सोमवार को है। जशोदाबेन ने कहा, उन्हें तब बहुत खुशी हुई थी जब मोदी ने पहली बार नामांकन पत्र में उनका नाम दर्ज किया था। उन्हें यह जानकर अच्छा लगा कि लंबे समय से दूर रहने के बावजूद मोदी ने उन्हें याद रखा है। इस लोकसभा चुनाव से पहले वह अपने नामांकन पत्र में उनके नाम का जिक्र नहीं करते थे। वड़ोदरा से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन के वक्त मोदी ने पहली बार जशोदाबेन को पत्नी के रूप में स्वीकार किया था। हालांकि उन्होंने कभी इससे इन्कार भी नहीं किया कि वह शादीशुदा नहीं हैं। उन्होंने कभी भी उनके बारे में कोई गलत बात नहीं की। पत्नी के रूप में स्वीकारने पर जशोदाबेन ने कहा कि उन्हें नरेंद्र मोदी की पत्नी होने का गर्व है। उन्होंने मोदी के साथ जाने के सवाल पर कहा कि जब समय आएगा वे उनके साथ जाएंगी, अभी भी वे अलग कहां हैं, साथ ही हैं। मोदी से मिलने की बाबत पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘अगर वक्त आएगा तो मैं जाऊंगी।’
जशोदाबेन के मुताबिक बतौर मुख्यमंत्री मोदी ने बेहतरीन काम किया। वह अपने कर्म और बुद्धिमता की बदौलत आगे बढ़े हैं। इन दोनों की वजह से ही वह एक बड़ा नेता बनने में कामयाब हुए। हम उनके साथ हैं। जशोदाबेन ने कहा कि उनका कभी तलाक नहीं हुआ। मोदी ने देश सेवा की खातिर परिवार को छोड़ा है।
मोदी के प्रधानमंत्री बनने के लिए जशोदाबेन ने मन्नत मांगी थी तथा उत्तरी कर्नाटक के गंगावती इलाके में स्थित हनुमान मंदिर पर विशेष पूजा भी की। लेकिन इस बारे में पूछे जाने पर जशोदाबेन का इतना ही कहना था कि यह उनका निजी मामला है। रिटायर्ड शिक्षिका जशोदाबेन ने बीते दिनों को याद करते हुए कहा कि मोदी ने किस तरह उन्हें आगे पढ़ने के लिए प्रेरित किया और उनके साथ अच्छा व्यवहार किया। अपने भाई के साथ रह रहीं जशोदाबेन ने बताया कि शादी और अलगाव के बाद वह केवल एक बार 1987 में मोदी से मिली हैं। हालांकि उनके परिजनों से उनकी कभी-कभी मुलाकात हो जाती है। उन्होंने कहा कि दोनों भले ही अलग-अलग रहते हैं, लेकिन उनमें तलाक नहीं हुआ है।
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”मैं उनका आदर करती हूं। मैं उनकी पत्नी हूं और हमेशा रहूंगी। मुझे उनकी पत्नी होने पर गर्व है। उनके प्रधानमंत्री बनने पर देश को जितनी खुशी हुई है उससे भी ज्यादा खुशी मुझे हुई।” -जशोदा बेन