नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव का अंतिम चरण समाप्त होने के साथ ही कांग्रेस में समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू हो गया है। चुनाव बाद की परिस्थितियों को लेकर सोमवार शाम पहले कोर ग्रुप की बैठक हुई। इसके बाद पार्टी अध्यक्ष के आवास पर महासचिवों व राज्य प्रभारियों की बैठक हुई। चुनाव में पार्टी की आंतरिक रिपोर्ट व एक्जिट पोल में निराशाजनक नतीजों के मद्देनजर इन बैठकों में नतीजों के बाद के हालात पर मंथन किया गया। हालांकि, कांग्रेस को एक्जिट पोल पर भरोसा नहीं है और पार्टी को लगता है कि वह सवा सौ का आंकड़ा पार करेगी। कांग्रेस को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बहुमत से काफी दूर रहने का भी भरोसा है, लेकिन पार्टी दूसरी परिस्थति के लिए भी तैयार है।
कोर ग्रुप के बाद पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर हुई बैठक में चुनाव परिणाम को सामूहिक नेतृत्व की चादर तले ढांक पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी को राहत देने को मौन स्वीकृति दे दी गई है। सूत्रों के मुताबिक, लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की पराजय की स्थिति में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया खुद आगे आकर जिम्मेदारी संभाल सकती है। इसके बाद पार्टी एक प्रस्ताव लाकर पार्टी के प्रदर्शन पर सामूहिक जिम्मेदारी तय कर सकती है। इसके अलावा बैठक में नतीजों के बाद तीसरे मोर्चे को समर्थन देने या बाहर से समर्थन को लेकर सरकार बनाने की संभावनाओं पर बात हुई, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व संगठन को प्राथमिकता देते हुए तीसरे मोर्चे के नेतृत्व में सरकार बनाने या बाहर से समर्थन देने के पक्ष में नहीं है।
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‘राहुल गांधी सरकार में नहीं है। वह पार्टी में दूसरे नंबर पर हैं। सोनिया गांधी अध्यक्ष हैं और स्वाभाविक तौर पर यहां स्थानीय नेतृत्व भी है। लिहाजा सब सामूहिक है।’ -शकील अहमद, कांग्रेस महासचिव