पत्रकारों की अपेक्षाएं सबसे ज्यादा है. वो अपेक्षा करते हैं की ओ पी सिंह या दिनेश (PA) का उनके पास फोन आएगा और वो कहेंगे ,”श्रीमान जी….आपसे मोदीजी बात करना चाहते है .”
मोदीजी ने अगर फोन करके कुछ सुझाव मांगे तो वो सबसे अच्छे और अगर तमाम कोशिशों के बाद मोदीजी ने बात नही कि तो फिर वो २००२ दंगो के गुनाहगार तो है ही.
बात करें तो अच्छे बात ना करे तो बुरे.इंटरव्यू दे तो अच्छे इंटरव्यू ना दे तो बुरे. चुनाव में हार जाएँ तो बुरे चुनाव में जीत जाएँ तो अच्छे. क्या ये पैमाना होना चाहिए किसी बड़े नेता या शासक को आंकने का.
मोदीजी अगर १६ मई को आपको बहुमत मिलता है तो आप दिल्ली आयें आपका स्वागत है. हम अपेक्षा करते हैं की आप हिंदू-मुस्लमान से ऊपर उठकर. कारपोरेट और कामरेड से उठकर. अहंकार और विद्वेष से ऊपर उठकर. अडवाणी और जोशी से ऊपर उठकर …इस देश को एक नेक श्रेष्ठ रास्ते पर ले जायेंगे. पिछले कुछ महीनो से जो वादे आप कर रहे हैं उन्हें पूरा करेंगे .
६ महीने में बहुत कुछ पता लग जायेगा ….अगर हमे लगा की देश का भला हो रहा है तो हम आपके साथ है और ये लगा की देश का कोई भला नही हो रहा तो आपको बताएंगे दिल्ली और गुजरात की पत्रकारिता में फर्क क्या है . मोदीजी ६ महीने ….
दीपक शर्मा (आज तक)