दिल्ली के जामिया नगर में बुधवार देर रात संदिग्ध हालात में एक ही परिवार के छह लोग बुरी तरह झुलस गए। इलाज के दौरान चार मासूमों और दंपति ने सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया।
कमरे में आग किसी हादसे के बाद लगी या परिवार ने आत्महत्या की, पुलिस अभी इस बारे में खुलकर बोलने को तैयार नहीं है। मामले की छानबीन करने पहुंचे डिफेंस कॉलोनी एसडीएम ने आत्महत्या की आशंका जताई है।
घटना के बाद से पूरे इलाके में गम का माहौल है।
पुलिस के मुताबिक, मूलरूप से वैशाली बिहार निवासी फिरोज आलम (35) पत्नी यासमीन परवीन (32), बच्चे अफरोज (12), आफरीन (11), आसिफ (7) व आमिर (4) के साथ मकान नंबर-786, गली नंबर-40, एच-ब्लॉक, जाकिर नगर में दूसरी मंजिल पर किराये पर रहता था।
फिरोज का गली नंबर-22 में कढ़ाई का कारखाना था। पड़ोसी मोहम्मद शारिक ने बताया कि रात करीब 1:10 बजे उन्हें कुछ जलने की दुर्गंध आई।
घर से बाहर निकलकर देखा तो फिरोज के कमरे से धुआं निकल रहा था। शारिक ने पड़ोसी गौहर हसन व फिरोज के मकान मालिक नदीम को शोर मचाकर उठाया। ऊपर जाकर देखा तो फिरोज का दरवाजा अंदर से बंद था। गौहर ने 1:30 बजे पुलिस को सूचना दी। पुलिस और पड़ोसियों ने किसी तरह दरवाजे की कुंडी तोड़ी। अंदर कमरे में दरवाजे के पास फर्श पर यासमीन व आफरीन 100 फीसदी जले हुए मिले। आगे एक साथ लाइन से अफरोज, आसिफ, फिरोज व आमिर भी झुलसे पड़े थे।
अलग-अलग पीसीआर से सभी को सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने यासमीन व आफरीन को मृत घोषित कर दिया। इलाज के दौरान अफरोज, आसिफ ने भी दम तोड़ दिया।
सुबह करीब 7 बजे फिरोज की भी मौत हो गई। जबकि सफदरजंग अस्पताल में मासूम आमिर की भी देर शाम इलाज के दौरान मौत हो गई।