आंखों में बड़े-बड़े सपने पाले, पढ़ी-लिखी, प्रतिभा संपन्न एक लड़की राजनीति का दामन थामती है, लेकिन उसे नहीं पता था कि इसके मकड़जाल से निकल पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होता है।
इस कहानी को पढ़ने से पहले हम आपको याद दिलाते है उन महात्वाकांक्षी महिलाओं का, जिनके बारे में आप पहले भी पढ़ चुके है।
जी हां, मधुमिता शुक्ला, शशि, अनुराधा उर्फ फिजा, शहला महशूद आपको याद होंगी। कुछ ऐसी ही कहानी है कांग्रेस की इस युवा महिला नेता कल्पना गिरी की है।
राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल करने की हसरत उसे वकालत के पेशे से यहां खींच लाई।
महाराष्ट्र का लातूर शहर की रहने वाली 29 साल की कल्पना गिरी एलएलबी करने के बाद अपने सपने को पूरा करने के लिए कांग्रेस का हाथ पकड़ती है।
उसकी मेहनत रंग लाती है और वह लातूर शहर युवक कांग्रेस के सचिव पद पर चुनी जाती है। मां-बाप भी काफी खुश होते है कि बेटी आगे बढ़ रही है।
राजनीति में कदम रखने के बाद कल्पना पार्टी के लिए दिन रात एक कर देती है। उसे क्या पता था कि वह राजनीति की गंदी दलदल में फंसती जा रही है।
अचानक 10 दिन पहले वह गायब हो गई, और तीन दिन बाद तुलजापुर झील से उसकी लाश मिली। लाश देखकर घर वालों के साथ-साथ स्थानीय लोगों के होश उड़ गए।