अरविंद केजरीवाल की नई राजनीति और नरेंद्र मोदी के तंजों के बीच कांग्रेस इन दिनों चुनावी सर्वे पर जरा यकीन करने को तैयार नहीं है। उसका कहना है कि इन पोल में दम नहीं है और चुनावों के बाद ये झूठे साबित हो जाएंगे।
दरअसल, ऐसा इसलिए है क्योंकि एक-एक कर जो चुनावी सर्वे सामने आ रहे हैं, उनमें कांग्रेस के लिए काफी भयानक तस्वीर दिखाई दे रही है। ये तमाम सर्वे उसे बमुश्किल 100 सीट दे रहे हैं।
इसके अलावा नरेंद्र मोदी की माला जप रही भाजपा के अपने बूते 200 सीटों तक पहुंचने की गुंजाइश देखी जा रही है, जबकि एनडीए सहयोगियों के साथ उसके 220 के करीब पहुंचने की संभावना है।
हालांकि, कांग्रेस और उसके नेता इन सभी चुनावी सर्वे को बेदम बता रही है। उसका कहना है कि ये सभी सर्वे गलत हैं और जैसा कि पहले होता आया है, एक बार फिर चुनावों के बाद इनकी सच्चाई पता चल जाएगी।
कांग्रेस पोल से इस कदर नाराज है कि चैनल इन सर्वे पर जो चर्चा कर रहे हैं, उसके नेता उन कार्यक्रमों में तक शिरकत नहीं कर रहे। लेकिन कांग्रेस के भीतर चुनावों से पहले डर भी है।
यह तब साफ होता है, जब उसके नेता पहचान जाहिर न करने की शर्त पर अपनी बात सामने रखते हैं। वो यह दावा तो कर रहे हैं कि इन सर्वे में जितनी कम सीट उसे दी जा रही हैं, वह सरासर गलत है। लेकिन जो संभावना वो जता रहे हैं, उसकी हालत भी काफी खस्ता है।
कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि नरेंद्र मोदी को जितना बड़ा बनाया जा रहा है, वो उतना होव्वा नहीं बनेंगे क्योंकि उनका व्यक्तित्व उस राजनीति के माकूल नहीं है, जो देश में चलती है।
और अरविंद केजरीवाल को तो वो कोई ताकत ही नहीं मान रहे। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “दिल्ली की गद्दी संभालने के बाद जनता को आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की रणनीति समझ आ गई है। ऐसे मौके पर इस्तीफा देने का कोई मतलब नहीं था, लेकिन उन्होंने लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया है और लोग सब समझते हैं।”
जब पूछा गया कि आगामी लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का कितनी सीटें मिल सकती हैं, उन्होंने कहा, “तमाम संभावनाओं और आशंकाओं के बावजूद हमारा यह मानना है कि हम हर हाल में 130-140 सीटों तक पहुंच जाएंगे।”