तेलंगाना के सवालों में उलझ गई है भाजपा

susmitaतेलंगाना पर लोकसभा में कांग्रेस का हाथ थामने के बाद अब भाजपा खुद के सवालों में उलझ गई है। लोकसभा में कांग्रेस को खुला मैदान देने के बाद आंध्र प्रदेश से मिले संदेशों ने पार्टी नेतृत्व को विचलित कर दिया है।

सीमांध्र में भाजपा ने लोगों की भारी नाराजगी मोल ले ली है, जबकि तेलंगाना क्षेत्र में उसे खुद से ज्यादा कांग्रेस को लाभ होता दिख रहा है। भाजपा का आकलन था कि बिल का समर्थन करने से उसे तेलंगाना में सियासी लाभ होगा, तो सीमांध्र के लिए विशेष पैकेज की बात कहकर ही काम चल जाएगा।

डैमेज कंट्रोल में जुटी भाजपा अब राज्यसभा में इस बिल पर कांग्रेस पर सियासी हमले करेगी। ताकि लोकसभा में ‘दोस्ती’ का दाग मिट जाए। तेलंगाना और सीमांध्र पर खुद के एकजुट होने का दावा करने वाली भाजपा अब बंट गई है।

बुधवार को पार्टी संसदीय दल की बैठक में यह फूट खुलकर सामने आ गई। विधेयक में सीमांध्र के लिए विशेष पैकेज का मुद्दा शामिल कराने में पार्टी नेतृत्व की विफलता पर सांसदों ने भारी ऐतराज जताया।

खासतौर पर लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज के रुख से नाराज सीमांध्र क्षेत्र के निवासी व पार्टी के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू ने तो यहां तक कह दिया कि पार्टी में जो कुछ हो रहा है, वह शुभ संकेत नहीं है।

उन्होंने कहा कि बिल पारित होने के बाद से ही सीमांध्र से उनके पास लगातार फोन आ रहे हैं, लोग भाजपा के रुख से खासे नाराज हैं। बिल में सीमांध्र के लोगों की चिंताओं के समाधान की भी व्यवस्था करने की कोशिश तो होनी चाहिए थी। वेंकैया भावुक भी हो गए।