जोधपुर. यौन शोषण के आरोप में जेल में बंद आसाराम बापू की जमानत याचिका सोमवार को जोधपुर हाई कोर्ट ने फिर खारिज कर दी। मध्य प्रदेश में छिंदवाड़ा स्थित अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ जोधपुर के मणाई स्थित आश्रम में कथित यौन शोषण के आरोपी आसाराम ने दूसरी बार जमानत अर्जी दी थी। हाईकोर्ट की न्यायाधीश निर्मलजीत कौर ने इसे खारिज कर दिया।
आसाराम पर पिछले वर्ष 4 व 15 अगस्त की मध्य रात्रि में मणाई गांव स्थित आश्रम में अपने गुरुकुल की छात्रा को साजिशन बुलवाने और उसका यौन शोषण करने का आरोप है। होस्टल के वार्डन और निदेशक की मदद से लड़की को जोधपुर बुला कर उसके साथ यौन शोषण करने के आरोप में 1 सितंबर 2013 से आसाराम जोधपुर की सेंट्रल जेल में बंद हैं।
जमानत के लिए आसाराम की पहली अर्जी 1 अक्टूबर 2013 को इसी पीठ द्वारा खारिज की गई थी। इसके बाद पिछले माह आसाराम की ओर से हाई कोर्ट में दोबारा जमानत आवेदन दायर किया गया। दोनों ही बार सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता राम जेठमलानी ने पैरवी की। साथ में, दिल्ली व कर्नाटक के वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने भी अपने तर्क दिए, लेकिन अभियोजन पक्ष तथा पुलिस द्वारा पेश रिपोर्ट व तर्क के सामने टिक नहीं सके।
72 वर्षीय आसाराम की ओर से जेठमलानी, कर्नाटक हाईकोर्ट के वरिष्ठ वकील नागेश आदि वकीलों ने बहस की। अभियोजन पक्ष की ओर से अतिरिक्त महाअधिवक्ता डॉ. पुष्पेंद्र सिंह भाटी, उनके सहयोगी प्रद्युम्न सिंह, सरकारी वकील महीपाल बिश्नोई और पीडि़ता के वकील प्रमोद वर्मा ने पैरवी की।