अदालत में पेश नहीं हुए सुब्रत रॉय, सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट

सहारा प्रमुख सुब्रत रॉय के खिलाफ कानूनी शिकंजा कसता जा रहा है। बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें पेश होने के लिए कहा था लेकिन वह मां की बीमारी का हवाला देकर कोर्ट में हाजिर नहीं हुए। सुब्रत रॉय के पेश नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त कदम उठाते हुए गैर जमानती वॉरंट जारी कर दिया। ऐसे में रॉय पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। उन्हें किसी भी वक्त पुलिस गिरफ्तार कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले रॉय को बुधवार की निजी पेशी से छूट देने से इनकार कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने यह कदम उनकी दो कंपनियों से लगभग 19,000 करोड़ रुपए की वसूली से संबंधित मामले में उठाया है। जस्टिस के. एस. राधाकृष्णन और जस्टिस जे. एस. खेहर ने मंगलवार को कहा था, ‘इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ही नहीं, जजों और वकीलों की सत्यनिष्ठा भी जुड़ी हुई है। कहा जा रहा है कि कोर्ट के ऑर्डर का पालन नहीं हो रहा है। हम रिटायर हो जाएंगे, लेकिन हम यह पक्का करेंगे हमारे ऑर्डर्स का पालन हो।’

रॉय की पेशी से छूट की अपील को सीनियर एडवोकेट राम जेठमलानी ने बारी से पहले अत्यावश्यक रूप से पेश किया, लेकिन बेंच ने निजी तौर पर अदालत में पेश नहीं होने की उनकी अपील को खारिज कर दिया। इसके साथ ही जजों ने यह भी कहा कि दो साल से ज्यादा वक्त बीतने के बाद भी सहारा ने उनके आदेश पर अमल नहीं किया है। बेंच ने 20 फरवरी की सुनवाई में रॉय और उनकी दो कंपनियों के तीन डायरेक्टर्स को 31 अगस्त 2012 को जारी आदेश का उल्लंघन मामले में अदालत में पेश होने का ऑर्डर दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने तब सहारा से इन्वेस्टर्स का पैसा लौटाने के लिए मार्केट रेग्युलेटर सेबी के पास 25,000 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा था। सहारा ने इस मामले में अब तक सिर्फ 5,206 करोड़ रुपए चुकाए हैं। उसका कहना है कि उसने इन्वेस्टर्स को बाकी बकाया कैश में चुका दिया है। सेबी ने कंपनी के इस दावे को खारिज कर दिया है। सेबी ने कंपनियों के डायरेक्टर्स के खिलाफ अवमानना याचिका भी दाखिल की है।