दिल्ली की कुर्सी संभालने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार ने शनिवार को सचिवालय के बाहर पहली बार जनता दरबार लगाया, लेकिन यह दांव उल्टा पड़ गया। कुछ देर बाद ही इसे स्थगित करना पड़ा।
इस दरबार में इतनी ज्यादा भीड़ पहुंच गई कि प्रशासन के सारे इंतजामात धरे के धरे रह गए। भीड़ बेकाबू हो गई और सुरक्षा घेरा, बैरिकेड तोड़ दिए। ऐसी अफरा-तफरी मची कि शिकायत करने पहुंचे लोगों के दस्तावेज सड़क पर बिखरे पड़े थे।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके कैबिनेट के दूसरे मंत्री मौजूद थे, लेकिन वहां मौजूद लोग कुछ सुनने-समझने को तैयार नहीं थे। बहुत से लोग ऐसे थे, जो किसी शिकायत के साथ नहीं आए थे। वे सिर्फ केजरीवाल को बधाई देना चाहते थे।