आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस पार्टी के बीच एक होटल में हुई ‘डील’ वाले नितिन गडकरी के बयान ने भाजपा की परेशानी बढ़ा दी है।
‘आप’ पर सीधा हमला करने से बच रही प्रदेश भाजपा को अब डैमेज कंट्रोल करना भारी पड़ने लगा है।
नितिन गडकरी के बयान से पार्टी के शीर्ष नेतृत्व दबी जुबान में यह कहने लगे हैं कि पार्टी की फजीहत हुई है। उनका तर्क है कि अगर विपक्षी पार्टियों पर निशाना साधना ही है तो होमवर्क पूरा होना चाहिए।
क्योंकि अब कांग्रेस और आम आदमी पार्टी यह कहने लगी हैं कि गडकरी की बातों में सच्चाई है तो वे साक्ष्य प्रस्तुत करें। साक्ष्य नहीं उपलब्ध कराने की स्थिति में भाजपा बैक फुट पर आ जाएगी।
पार्टी सूत्रों का कहना है कि गडकरी के बयान से संघ के नेताओं ने भी नाराजगी जताई है। संघ के कार्यकर्ताओं का कहना है कि जनता का मूड भांपते हुए इस तरह का हमला करना पार्टी के हित में नहीं है।
क्योंकि दिल्ली के लोगों की नजर में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल छाए हुए हैं। उनकी इमेज भी अच्छी है। आम जनता खिलाफ में कुछ भी सुनने को तैयार नहीं है। नकारात्मक छवि जनता के बीच जाएगी।
उल्लेखनीय है कि शनिवार को गडकरी ने प्रदेश भाजपा के एक कार्यक्रम में कहा था कि केजरीवाल और कांग्रेस के बीच डील हुई है और यह डील एक बड़े व्यवसायी ने एक होटल में करवाई।
भाजपा को किसी भी तरह से रोकने का प्रयास किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में लोकसभा नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज भी गडकरी को नसीहत देते दिखीं। उन्होंने कहा कि गडकरी को मैंने बताया था कि ‘आप’ जमीन के नीचे सुरंग कर चुकी है, जो हमें नहीं दिखाई दे रही है।