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यौन शोषण मामले में तरुण तेजपाल गिरफ्तार

tarun_tejpalमहिला सहकर्मी के यौन शोषण के मामले में तहलका के पूर्व संपादक तरुण तेजपाल को शनिवार रात गिरफ्तार कर लिया गया। इससे पहले गोवा की अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी।

कोर्ट ने माना कि साक्ष्यों से प्रथम दृष्ट्या साफ है कि वे यौन उत्पीड़न के मामले में लिप्त हैं।

यौन उत्पीड़न के मामले के खुलासे के करीब 10 दिन बाद तेजपाल (50) की गिरफ्तारी के साथ ही कई दिनों से चला आ रहा हाई वोल्टेज ड्रामा भी थम गया। जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुजा प्रभुदेसाई की कोर्ट ने हालांकि तेजपाल को अपने वकील से दिन में एक बार बात करने की अनुमति दी है। उन्हें घर का बना खाना खाने की भी इजाजत दी गई है।

इससे पहले अदालत ने तेजपाल की अर्जी पर दोनों पक्षों को सुनने के बाद दिन में साढ़े चार बजे अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। बाद में कोर्ट ने देर शाम आठ बजे फैसला सुनाते हुए तेजपाल को राहत देने से इनकार कर दिया। तेजपाल उस वक्त डोना पॉला स्थित क्राइम ब्रांच के मुख्यालय में ही बैठे थे। वहां से गोवा पुलिस ने उन्हें रात करीब 9:20 बजे गिरफ्तार कर लिया।

कोर्ट ने तेजपाल की वकील गीता लूथरा की उस दलील को भी खारिज कर दिया तेजपाल के खिलाफ राजनीति से प्रेरित होकर आरोप लगाए गए हैं और दुष्कर्म संबंधी कानून बेहद सख्त है।

स्टिंग ऑपरेशन और खोजी पत्रकारिता के लिए चर्चित तेजपाल ने गिरफ्तारी से दिल्ली और गोवा पुलिस को शुक्रवार को खूब छकाया भी। वह तभी गोवा पहुंचे जब कोर्ट ने गिरफ्तारी से अंतरिम राहत दे दी। मामले का खुलासा तब हुआ था, जब तेजपाल ने 20 नवंबर को महिला पत्रकार के साथ अपने ‘दुर्व्यवहार’ को स्वीकारते हुए छह महीने के लिए संपादक पद से हटने की बात कही थी।

बाद में तेजपाल कभी युवती की सहमति होने तो कभी उसकी निष्ठा पर ही सवाल उठाते रहे। महिला पत्रकार ने तेजपाल पर होटल की लिफ्ट में दो बार यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया था।

क्या कहा कोर्ट ने 
पीड़ित युवती के बयान, ई-मेल व अन्य दस्तावेजों से प्रथम दृष्टया संकेत मिलता है कि पिता तुल्य तेजपाल ने लड़की के साथ यौन दुर्व्यवहार किया। तेजपाल ने न केवल अपने पद का दुरुपयोग किया, बल्कि उसके शरीर के साथ खिलवाड़ भी किया।

साक्ष्यों से प्रथम दृष्टया साफ है कि तेजपाल के कृत्य आईपीसी की धारा 354 ए (महिला का शील भंग करना) और 376(2)(के) (बंधन बनाकर बलात्कार ) दायरे में आते हैं। 354 ए के तहत सात साल तक की जबकि 376(2)(के) के लिए उम्रकैद तक की सजा हो सकती है।

तेजपाल पर फेंका काला झंडा
तेजपाल पर उस समय एक प्रदर्शनकारी ने काला झंडा फेंकने की कोशिश भी की, जब वह कार में बैठ रहे थे। हालांकि झंडा तेजपाल को नहीं लगा।� गोवा पुलिस ने काला झंडा फेंकने वाले व्यक्ति को हिरासत में ले लिया है। उसकी पहचान मंगल चौधरी के तौर पर हुई है। वह मूल रूप से राजस्थान का है।

NCR Khabar News Desk

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