आप से जुड़े कई दिग्गज जहां पश्चिम से ताल्लुक रखते हैं, वहीं युवाओं की बड़ी संख्या भी बड़ा परविर्तन कर सकती है। आप से जुड़े कुमार विश्वास मेरठ सहित आसपास के क्षेत्रों में युवाओं में काफी लोकप्रिय हैं।
मेरठ विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों की संख्या छह सौ भी ज्यादा है। इंजीनियरिंग सहित अन्य व्यावसायिक कॉलेजों की संख्या भी सैकड़ों में है। नतीजों के एक दिन बाद ही कई दलों के कार्यकर्ताओं ने आप से जुड़े लोगों से संपर्क साधना शुरू कर दिया। पिछले वर्ष मेरठ के एक कॉलेज में भ्रष्टाचार के विरोध में मोर्चा बनाकर चुनाव लड़ी छात्राओं ने दूसरे दलों को धूल चटा दी थी।
दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप को युवाओं का वोट बड़ी संख्या में मिला। कॉलेज जाने वाले छात्रों ने चुनाव प्रचार में जोर-शोर से हिस्सा लिया था। प्रदेश में जिन विश्वविद्यालयों के साथ सबसे ज्यादा कॉलेज जुड़े हैं, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय उनमें से एक है।
दिल्ली से सटे गाजियाबाद और नोएडा सहित मेरठ एवं सहारनपुर मंडल में सीसीएसयू से संबद्ध 604 कॉलेज हैं। हर साल परीक्षा देने वाले छात्रों की संख्या चार लाख से भी ज्यादा होती है। अरविंद केजरीवाल स्वयं गाजियाबाद में रहते हैं। वहीं मनीष सिसौदिया, कुमार विश्वास मूल रूप से पश्चिम के जिलों से ही जुड़े हैं।
अन्ना के आंदोलन के समय भी पश्चिम से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। कई सामाजिक संगठनों के लोग भी आप से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ जुड़े हैं। रोजाना दिल्ली जाकर नौकरी करने वाले लोग भी दिल्ली की राजनीति से परोक्ष तौर जुड़े हैं।
पिछले वर्षों में मेरठ और उसके आसपास के क्षेत्रों में कुमार विश्वास के कार्यक्रमों में युवाओं की काफी भीड़ जुटती रही है। ऐसे में संभव है कि दिल्ली के नतीजों के बाद आप के कुनबे में युवाओं की अच्छी-खासी उपस्थिति दर्ज हो। पिछले वर्ष मेरठ के आरजी कॉलेज में छात्र संघ चुनावों में कुछ छात्राओं ने भ्रष्टाचार विरोधी पार्टी बनाई थी।
इसके बैनर तले चुनाव लड़ी छात्राओं ने महत्वपूर्ण पदों पर दूसरे दलों के समर्थकों को हराकर भविष्य में होने वाले बदलाव का संकेत तो दे ही दिया था। आप से जुड़े मनोज कुमार हंस का कहना है कि मेरठ में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने संपर्क किया। काफी लोगों ने रजिस्ट्रेशन फॉर्म भरकर कार्यालय में जमा भी कराए।