ऐसा है कामरेड, आपने मोदी का विरोध किया, हम जमकर आपके साथ खड़े रहे
आपने आसाराम का मीडिया ट्रायल किया, हम आपसे भी ज्यादा मुखर रहे
आपने सोनी सोरी की बात की, हम तब भी आपके साथ थे
आपने निर्भया मामले में मुहिम चलाई, हम तब भी आपके साथ थे
आप दलित अधिकारों की बात करते हैं, आरक्षण की बात करते हैं और हम पुरजोर समर्थन करते हैं।
आपस की छोटी मोटी बहसबाजियों को छोड़ दें तो हम अधिकतर एकमत थे।
पर अचानक आपको क्या हो गया कामरेड, ये आपसी समझ कहाँ चली गयी
तेजपाल प्रकरण पर हमने खूब हल्ला मचाया, आप के सुर धीमे हो गये
हम खुर्शीद प्रकरण में मुखर हुये तो आप उनके पक्ष में खड़े हो गये, उनको सुकरात बना डाला
हमने आवाज तेज की तो आप बिलकुल अंधसमर्थन में उतर आये,
हमसे क्या गलती हुई कामरेड?
मीडिया ट्रायल तो आपका प्रिय शगल रहा है पर अब इसके खिलाफ हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं आप, ये क्यूँ ?
क्या विचारधारा भी अब अपने पराये को देखकर निर्धारित होने लगी है?
अवनीश कुमार