आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल की 17 शर्तों वाली चिट्ठी का ‘विनम्रतापूर्ण’ जवाब देकर कांग्रेस ने एक बार फिर गेंद उनके पाले में डाल दी है। बचाव की मुद्रा में आई ‘आप’ अब मंगलवार को बैठक बुला रही है जिसमें कांग्रेस से मिले जवाब पर विचार करके कोई फैसला किया जाएगा।
गौरतलब है कि अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल से मुलाकात के बाद कांग्रेस और बीजेपी के अध्यक्षों को पत्र लिख कर उन्हें शर्तों की लंबी-चौड़ी सूची भेजी थी। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे पत्र में 17 शर्तों और बीजेपी अध्यक्ष राजनाथ सिंह को भेजे पत्र में 18 शर्तों का जिक्र किया गया था। केजरीवाल का कहना था कि दोनों पार्टियां जब तक इन शर्तों पर अपना स्टैंड साफ नहीं करतीं तब तक उनकी पार्टी का समर्थन लेने पर विचार नहीं किया जाएगा।
हालांकि इन दोनों दलों ने इसे केजरीवाल की अपनी जिम्मेदारी से भागने की कोशिश बताया था और कांग्रेस ने तो साफ तौर पर बताया कि केजरीवाल की ज्यादातर शर्तें निर्रथक हैं क्योंकि वे सरकार के प्रशासनिक कामकाज से जुड़ी हैं जिन पर किसी अन्य पार्टी के समर्थन का कोई मतलब ही नहीं बनता।
बावजूद इसके, कांग्रेस ने सोमवार को बाकायदा केजरीवाल की चिट्ठी का जवाब ‘आप’ को भेजा। सूत्रों के मुताबिक पत्र में कांग्रेस ने बेहद नरम भाषा का इस्तेमाल करते हुए बताया है कि ज्यादातर मुद्दों पर किसी पार्टी से समर्थन मांगने का कोई औचित्य नहीं है। बावजूद इसके, कांग्रेस ने सभी अहम मसलों पर ‘आप’ के रुख से सहमति जताते हुए उन पर सहयोग देने की बात कही है।
‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने माना कि कांग्रेस पार्टी का जवाब उनकी पार्टी को मिल चुका है। उन्होंने कहा, मंगलवार को पार्टी के अहम नेता इस पत्र पर विचार करेंगे। उसके बाद इस बारे में पार्टी के फैसले का ऐलान हो जाएगा।