लोकपाल विधेयक पर अन्ना हजारे के पिघलने और कांग्रेस के जोर लगाने पर समाजवादी पार्टी ने चुटकी ली है। और बातों ही बातों में दोनों को कटघरे में भी खड़ा कर दिया है।
सपा नेता नरेश अग्रवाल ने कहा कि यह लोकपाल के लिए आंदोलन करने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे और कांग्रेस के बीच डील का नतीजा है।
जाहिर है इसकी वजह भी मौजूद हैं। अन्ना हजारे ने लोकपाल से जुड़ी प्रतिबद्धता को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की तारीफ की है और कांग्रेस ने इस तारीफ के लिए अन्ना का शुक्रिया अदा किया है।
लोकपाल विधेयक के मौजूदा स्वरूप का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि अन्ना कांग्रेस के साथ इस मुद्दे पर फिक्स्ड मैच खेल रहे हैं और उन्होंने कांग्रेस-राहुल को लेकर अपने रुख में नरमी लाने का फैसला किया है।
हालांकि, अन्ना हजारे का कहना है कि राज्यसभा में लोकपाल का मसौदा रखने को लेकर किसी से चर्चा नहीं की है। अन्ना हजारे ने कहा, “मैं हाल में किसी कांग्रेसी नेता से नहीं मिला हूं। सलमान खुर्शीद एकमात्र नेता थे, जिनसे मेरी मुलाकात हुई और वह भी विरोध से काफी पहले।”
उन्होंने कहा, “मैंने समाजवादी पार्टी को छोड़कर सभी को मुबारकबाद दी है, जिसने इस बिल का विरोध किया है। हालांकि, यह सच है कि कांग्रेस ने अगर पहले इस बिल का समर्थन किया होता और जो स्टैंड वह आज ले रही है, वह पहले लिया होता, तो उसे विधानसभा चुनावों में इसका फायदा मिल सकता था।”