एक नया ट्रेंड दिख रहा है सोसाइटी के बिल्डर / AAO अध्यक्ष पदाधिकारी लोग चाहते है की उनके यहाँ की दुर्घटनाये अखबारों में ना आये I इसको लेकर सबकी अपनी अपनी वजह है I AAO के वर्तमान पदाधिकारियों को लगता है इससे उनके खिलाफ मोहोल बनता है जिसके चलते उनको चुनाव जीतने में परेशानी हो सकती है
वहीं सोसाइटी में इन्वेस्टमेंट के लिए फ़्लैट खरीदने वालो को लगता है इससे उनके फ़्लैट की किराया /कीमत गिर जायेगी I तो बहुत सारे लोगो सोसाइटी के स्टेटस को लेकर चिंतित दीखते है
ऐसा लगता है हम एक नए युग में प्रवेश कर चुके है जहाँ लोगो ने तय कर लिया है की खबरे कैसे दिखानी है कैसी भिजवानी है I सब कुछ व्यापार हो गया है , सब कुछ राजनैतिक चुनाव हो गया है I
अखबारों के ब्यूरो चीफ को पूछा जारहा है की आपने हमारी सोसाइटी की इतनी छोटी सी बात कैसे छाप दी I ये समाज का अघोषित आपात काल है
जहाँ अभी तक राजनैतिक दलों को ये चिंता होती थी कि कोई पत्रकार उनके खिलाफ उनकी सच्चाई जनता को ना बता दें
अब नगर /ग्राम पंचायत तो छोडिये AAO/RWA स्तर के नेताओ की नेतागिरी से डरने का समय है I ये समय इनवेटर के इन्वेस्ट किये हुए पैसे के गिर जाने का भी समय है I उसने जो पैसा लगाया हुआ है कहीं उसका दाम ऐसी खबरों से गिर ना जाए I अगर ऐसा हुआ तो क्या फायदा हुआ रीयल एस्टेट में पैसा लगाने का
तो हो जाने दीजिये लोगो को सोसाइटियों की लिफ्ट में बच्चो को बंद , गिर जाने दीजिये लोगो वहां बने मैं हल में, या लग जाने दीजिये आगे वहां के ख़राब हो चुके उपकरणों से I पत्रकारों को अपनी कलम वहां होने वाले तीज त्योहारों की कवरेज पर लगाना चाहए I पाजिटिव खबरे भी तो कोई चीज होती है
आखिर इससे AAO भी खुश , इन्वेस्टर भी खुश और जनता भी खुश की सब कुछ बहुत बढ़िया है