आम आदमी पार्टी अपने पहले चुनाव में ही सुर्खियां बटोर रही हैं और उम्मीद लगा रही है कि दिल्ली चुनाव में जनता उसे ज्यादा से ज्यादा सीटें दिलाएगी लेकिन पार्टी के अंदर चल रही राजनीति कहीं उनके ख्वाबों को ही धराशायी ना कर दे।
आप पार्टी के एक वरिष्ठ नेता राकेश अग्रवाल ने एक खुले पत्र में अरविंद केजरीवाल को तानाशाह करार दिया और लिखा कि इसके कारण कहीं ‘हमारे सपने ही ना मर जाएं’।
अग्रवाल ने केजरीवाल पर आरोप लगाया कि उनके कारण कहीं हाथ में आई जीत के बदले हमें हार से संतोष ना करना पड़े। उनके कारण आप पार्टी के कई कार्यकर्ता हमें निराश और हताश हैं।
केजरीवाल के साथ साल 2000 से काम कर रहे अग्रवाल ने ही ऑटो रिक्शा के पीछे आप पार्टी का प्रचार करने का आइडिया दिया था। अग्रवाल ने 28 अक्टूबर को लिखे इस पत्र में कहा है कि अब भी हमारे पास सुधरने का मौका है।
इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिलने पर अग्रवाल ने मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस करने का निर्णय लिया है। हालांकि अग्रवाल ने इस प्रेस कांफ्रेंस के बारे में कुछ भी बताने से इंकार कर दिया है।
अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा कि वोट बैंक की राजनीति, राजनीतिक अपरिपक्वता की कीमत पार्टी को चुकानी पड़ रही है।
अग्रवाल ने सीधे-सीधे केजरीवाल पर आरोप लगाते हुए कहा कि मैं ऐसे पोस्टर, बैनर, पैंफ्लेट, प्रेस कांफ्रेंस, रेडियो विज्ञापन को ढूंढ रहा हूं जिसमें आपका नाम, चित्र या आवाज ना हो।
पार्टी में आपकी सहमति के बिना कुछ नहीं हो रहा है। पूरी सत्ता आपके इर्द गिर्द घूम रही है। क्या हम इंदिरा इज इंडिया और इंडिया इज इंदिरा को दोबारा दोहराना चाहते हैं? क्या आने वाले दिनों में केजरीवाल इज किस्मत और किस्मत इज केजरीवाल कहते हुए सुनेंगे?
केजरीवाल को लिखे इस पत्र के बाद भी राकेश अग्रवाल अब तक पार्टी में बने हुए हैं और केजरीवाल ने इस बाबत कुछ भी कहने से मना कर दिया है।