खून का कोई रंग नही होता लेकिन साज़िश के कई रंग होते है. मेरे कुछ समाजवादी मित्रों का कहना है कि पटना में सीरियल धमाकों के पीछे गहरी साज़िश है..और इस साज़िश के पीछे वही संघी माड्यूल है जिसने समझौता एक्सप्रेस और मक्का मस्जिद में धमाके किये थे. मेरे बीजेपी के मित्रों का कहना की साज़िश के पोछे इंडियन मुजाहिदीन है. कांग्रेसी मित्रों का कहना है कि धमाकों जिसने भी किये हो पर बिहार में अब वोट सीधे सीधे साम्प्रादायिक आधार पर बंट गए है और फायदा नितीश और मोदी दोनों को होगा.
तो कौन खोलेगा साज़िश की परतें ?
यू पी में कन्नौज जिले के छिबरामऊ तहसील के पूर्व नवाब और वर्तमान में इंटेलिजेंस ब्यूरो के डाएरेक्टर आसिफ इब्राहिम ही अब साज़िश का सारा सच देश को बता सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक जो संदिग्ध हिरासत में लिया गया है उसका नाम सैफुद्दीन है और वो रांची का है. ये सही नाम है या नही ये मुझे फिलहाल पता नही. लेकिन इंटेलिजेंस ब्यूरो के सूत्रों का कहना है कि बिहार में इंडियन मुजाहिदीन की जड़े बेहद गहरी है और इसके पीछे कुछ खास कारण है.
एक सच और जानिये
आईबी सूत्रों की माने तो जब इंडियन मुजाहिदीन के मुखिया यासीन भटकल को नेपाल में पकड़ा गया तो ब्यूरो के लिए मुसीबत खड़ी हो गयी. देश का सबसे खतरनाक आतंकवादी सरहद पार आईबी के हाथ लगा था लेकिन उसकी गिरफ्तारी अपनी सीमा में दिखाने के लिए देश की दो सरकारें तैयार नही थी. पोखरा (नेपाल) से भटकल को यूपी लाया जाए तो मुलायम मुसीबत थे और बिहार लाया जाय तो नीतीशजी के वोट बैंक को गलत सन्देश जा रहा था. सूत्रों के मुताबिक आखरी वक्त पर आईबी चीफ आसिफ इब्राहिम को एनआईए की मदद ले कर बिहार के डीजीपी से कहना पड़ा कि वो सिर्फ प्रारंभिक अभियोग अपने राज्य में दर्ज कर लें बाकी भटकल को पकड़ने का “इलज़ाम” केंद्र सरकारअपने माथे ले गी. बाद में शिंदे साहब ने इस मामले को रफू करने के लिए यूपी और बिहार सरकार को एक पत्र लिखा और निवेदन किया की अल्पसंख्यकों को आतंकी मामलों में गिरफ्तार करने में precautions ले. ऐसे राजनीती देश की अखंडता के लिए घातक है.
बहर हाल पटना की घटना के बाद अब मुझे घबराहट हो रही है क्यूंकि देश की राजनीती इस रैली के धमाकों के बाद खुल कर सम्प्राद्यिक होने जा रही है. जी हाँ एक बार फिर दोहराऊंगा ..खून का कोई रंग नही होता लेकिन साजिश के कई रंग होते हैं. ऐसे रंग जो हम आप और सबको बदरंग करने जा रहे है. लेकिन मुझे भरोसा है देश के सबसे बड़े पुलिस अफसर यानी आईबी चीफ आसिफ इब्राहिम पर …कि वो आने वाले दिनों में देश को इस सांप्रदायिक कालिख से स्याह होने से बचा लेंगे .
दीपक शर्मा आज तक मैं एडिटर इन्वेस्टीगेशन हैं