मुजफ्फरनगर दंगों के पीछे सियासी खेल की खुलती परतों के बीच राष्ट्रीय एकता परिषद (एनआईसी) की दिन भर चली बैठक में सांप्रदायिक हिंसा का मामला ही छाया रहा।
बैठक के अंत में पारित प्रस्ताव में सांप्रदायिक हिंसा की भरपूर निंदा करने के साथ कठोर कार्रवाई की मांग तो की गई, मगर इससे निपटने के लिए ठोस रोपमैप का जिक्र तक नहीं किया गया।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सांप्रदायिक दंगों को रोकने की जिम्मेदारी राज्यों पर थोपते हुए कहा कि दंगे रोकने की असल जिम्मेदारी राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन और पुलिस की है। वह राजनीति से ऊपर उठकर सांप्रदायिकता का खतरनाक खेल खेलने वालों को सख्ती से रोके।
उन्होंने आह्वान किया कि वह तनाव, घृणा और हिंसा फैलाने वाले सियासी खिलाड़ियों के खिलाफ सख्ती से पेश आएं। लेकिन इसके लिए समाज के सभी वर्गों और सियासी दलों की भूमिका भी उतनी ही अहम है।
बैठक में प्रधानमंत्री समेत राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने सोशल मीडिया पर भी सीधे हमला बोलते हुए इस पर अंकुश लगाने की भरपूर वकालत की।
मनमोहन सिंह ने मुजफ्फरनगर दंगे के दौरान जारी वीडियो क्लिप की याद दिलाते हुए कहा कि वह सीधे तौर पर सांप्रदायिक घृणा फैलाने के मकसद के किया गया था।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल शांति और प्रेम फैलाने के लिए करना चाहिए न कि घृणा और तनाव।
सोमवार को एनआईसी की 16वीं बैठक के अहम प्रस्ताव में सांप्रदायिकता फैलाने वालों की भर्त्सना करते हुए ऐसा माहौल कायम करने पर जोर दिया गया, जहां सभी समुदाय के लोग सम्मान और समान अधिकार के साथ रह सकें।
मनमोहन सिंह ने चिंता जताई कि राष्ट्र विरोधी तत्व छोटी घटनाओं को हवा देकर सांप्रदायिक हिंसा फैलाने में कामयाब हो रहे हैं।
उन्होंने इस तर्क को सिरे से खारिज कर दिया कि सांप्रदायिकता फैलाने से किसी राजनीतिक दल को फायदा या घाटा होता है। उनके मुताबिक सांप्रदायिक तनाव सीधे तौर पर देश की छवि को धूमिल करता है।
मोदी समेत कई मुख्यमंत्री रहे नदारद
भाजपा के मुख्यमंत्रियों में से सिर्फ मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान ही बैठक में शामिल हुए।
गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तमिलनाडु की सीएम जयललिता ने बैठक से दूरी बनाना ही उचित समझा।
बसपा सुप्रीमो मायावती और राजस्थान के कांग्रेसी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी बैठक में शिरकत नहीं की। बैठक में कुल 16 मुख्यमंत्रियों ने भाग लिया।
अखिलेश ने दंगों पर दी सफाई
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मुजफ्फरनगर दंगों पर सफाई देते हुए हिंदुत्ववादी संगठनों को इसका जिम्मेदार ठहराया।
उन्होंने विश्व हिंदू परिषद समेत कई हिंदुत्ववादी संगठनों पर राजनीतिक लाभ के लिए माहौल बिगाड़ने का आरोप लगाया। साथ ही उन्होंने सोशल मीडिया पर लगाम कसने की बात भी कही।
एससी/एसटी और महिला उत्पीड़न पर भी चर्चा
147 सदस्यों वाली एनआईसी की बैठक में प्रधानमंत्री ने अनुसूचित जाति व जनजाति (एससी एसटी) और महिलाओं के खिलाफ उत्पीड़न की भी चर्चा की।
उन्होंने इनके गंभीर हालात पर चिंता जताते हुए कहा कि पिछले तीन साल में एससी एसटी के खिलाफ उत्पीड़न के करीब एक लाख मामले दर्ज किए गए हैं।