नई दिल्ली।। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के चेयरमैन बेन बर्नाके द्वारा राहत पैकेज में कोई बदलाव नहीं करने की घोषणा से भारतीय बाजार झूम उठे। गुरुवार को बाजार खुलते ही बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के सेंसेक्स ने करीब 600 पॉइंट की छलांग लगाई। निफ्टी ने भी करीब 200 पॉइंट की बढ़त दिखाई। बैंकिंग शेयरों में जबर्दस्त तेजी है। अरसे से रो रहा रुपया ने भी 1.68 रुपये की जोरदार उछाल के साथ 61.70 पर खुला। गौरतलब है कि बुधवार को रुपया डॉलर के मुकाबले 63.38 पर बंद हुआ था। हालांकि, पिछले कुछ दिनों से रुपये में बढ़त देखने को मिल रही थी। फिलहाल सेंसेक्स 538.68 अंकों की बढ़त के साथ (@ 10.30 AM) 20500.84 पर कारोबार कर रहा है। जबकि निफ्टी भी (@ 10.27 AM) 170.65 अंकों की बढ़त के साथ 6,070.10 पर कारोबार कर रहा है। जबकि रुपया डॉलर के मुकाबले 1.45 रुपये की मजबूती के साथ 61.95 पर कारोबार कर रहा है।
फेड के क्यूई3 में कटौती नहीं करने के फैसले का असर रुपये और शेयर बाजार दोनों पर देखने को मिला। भारतीय समयानुसार बुधवार की देर रात तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए अमेरिकी फेड के चेयरमैन बेन बर्नाके ने Q3 को जारी रखने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि अभी अमेरिकी अर्थव्यवस्था पूरी तरह से मंदी से बाहर नहीं निकली है, ऐसे में राहत पैकेज को जारी रखा जाएगा। इसका मतलब हुआ कि फेडरल रिजर्व इकॉनमी में लिक्विडिटी को बनाए रखने के लिए हर महीने 85 अरब डॉलर का बॉन्ड खरीदता रहेगा। हालांकि, बर्नाके की घोषणा से ठीक पहले अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा ने अपने भाषण में मजबूत अर्थव्यवस्था का हवाला देकर Q3 में कटौती के संकेत दिए थे, लेकिन हुआ ठीक इसके विपरीत।
इसके पहले दुनिया भर अर्थशास्त्रियों का अनुमान था कि फेडरल रिजर्व बॉन्ड खरीद में हर महीने 10-15 अरब डॉलर की कटौती कर सकता है, लेकिन फेड के चेयरमैन बर्नाके को लगा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था से सहारा वापस लेने का ये सही वक्त नहीं है। बर्नाके को अमेरिका में विकास के मोर्चे पर तस्वीर अच्छी नहीं दिख रही है।
फेडरल रिजर्व के इस फैसले का भारतीय शेयर बाजारों पर जबर्दस्त असर देखने को मिला। बाजार खुलते ही झूम उठे। शुरुआती कारोबार के दौरान सेंसेक्स 543.05 (+2.72%) पॉइंट बढ़कर 20,505.21 पर कारोबार कर रहा था। वहीं निफ्टी 174.90 (+2.96%) पॉइंट बढ़त के साथ 6,074.35 पर कारोबार कर रहा था।
बैंकिंग और रियल्टी सेक्टर के शेयरों में जोरदार तेजी देखने को मिली। ज्यादातर बैंकों के शेयर 5 फीसदी से ज्यादा बढ़कर कारोबार कर रहे थे।