प्रॉविडेंट फंड में योगदान करने वाले पांच करोड़ अकाउंट होल्डरों को इस साल साढ़े आठ फीसदी ब्याज मिल सकता है।
कर्मचारी भविष्य निधि का प्रबंधन करने वाला कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ब्याज दर को लेकर हिसाब-किताब में लगा है। सूत्रों के मुताबिक साढ़े आठ फीसदी ब्याज देने पर ईपीएफओ को घाटा नहीं झेलना पड़ेगा। उल्टे यह सरप्लस में रहेगा।
ऐसी स्थिति में साढ़े आठ फीसदी ब्याज दर ही तय करने की संभावना दिख रही है। अगर ब्याज दर पौने नौ फीसदी की जाती है तो ईपीएफओ के सामने घाटे की हालत पैदा हो सकती है। वित्त मंत्रालय इसके लिए राजी नहीं होगा।
ब्याज दर निर्धारित करने के लिए 23 सिंतबर को श्रम मंत्रालय के नेतृत्व में सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी की बैठक होगी। ट्रस्ट ईपीएफओ में निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान साढ़े आठ फीसदी की ब्याज दर निर्धारित की थी। वित्त वर्ष 2011-12 में प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज की दर 8.25 फीसदी थी।
ईपीएफओ की 23 तारीख की बैठक के दौरान ट्रस्टी, फाइनेंस एंड इन्वेस्टमेंट कमेटी (एफआईसी) को पुनगर्ठित करेगा। यह कमेटी ही सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी को ब्याज दरों की सिफारिश करती है।