राष्ट्रीय महिला आयोग ने कंडोम के पैकेट पर महिलाओं की अश्लील तस्वीर छापने के खिलाफ जांच के आदेश दिए हैं।
महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को जांच की कार्यवाही निपटा कर 30 दिन में रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है।
आयोग ने यह पहल इंदर सैन दुआ की शिकायत पर की। दुआ ने हेल्थकेयर प्रोडक्ट कंपनी के मालिक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी।
इस कंपनी के कंडोम के कवर में महिलाओं की कथित अश्लील तस्वीर छापने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। ये कंडोम कंपनी की आगरा और मथुरा स्थित फैक्टरियों में बनाए जाते हैं।
राष्ट्रीय महिला आयोग को दर्ज कराई गई शिकायत में दुआ ने आरोप लगाया है कंपनी कंडोम के रैपर में महिलाओं की अश्लील और पोर्नोग्राफिक तस्वीरें छाप रही हैं।
इन्हें दिल्ली और देश के दूसरे हिस्सों में बेचा जा रहा है। इस शिकायत के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने कंपनी के मालिक को समन जारी कर अपने यहां हाजिर होने को कहा था।
इस पर कंपनी मालिक के वकील ने कहा था कि पैकिंग में इस्तेमाल पहले की तस्वीरों को बदल दिया गया है। लेकिन आयोग के एक सदस्य ने डीसीपी को आदेश दिया कि वह मामले की जांच कराएं।
अगर किसी संज्ञेय अपराध का पता चले तो कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए। पुलिस को 30 दिन के अंदर जवाब दाखिल करने को कहा गया है।
गौरतलब है कि महिला की गरिमाहीन छवि दिखाने से जुड़े कानून (द इनडिसेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ विमेन (प्रोहिबिशन) एक्ट, 1986) में प्रकाशनों, प्रदर्शनियों, विज्ञापनों, पर्चों, किताबों या फिल्म फोटोग्राफ में किसी भी रूप में महिलाओं की गरिमाहीन तस्वीर नहीं दिखाई जा सकती।
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने इस कानून में कुछ संशोधन जोड़े हैं। लेकिन संशोधित रूप में अभी यह संसद में पारित नहीं हो सका है।
संशोधित कानून के अस्तित्व में आने के बाद पहली बार इस तरह के अपराध करने पर 50,000 रुपए का जुर्माना और तीन साल की जेल हो सकती है। दूसरी बार अपराध करने पर एक लाख रुपए का जुर्माना लगेगा।