वाशिंगटन। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बाद अमेरिका की एक अदालत ने सिख मानवाधिकार संगठन की याचिकापर अमेरिका की चार दिवसीय यात्रा पर आए भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को समन जारी किया है। उन्हें यह समन पिछली सदी के अंतिम दशक में पंजाब में आतंकवाद निरोधी अभियान के दौरान कथित मानवाधिकार उल्लंघन के संबंध में जारी किया गया है।
न्यूयॉर्क का मानवाधिकार संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) अब आवश्यक अनुमति याचिका दाखिल करने की योजना बना रहा है ताकि वह ह्वाइट हाउस स्टॉफ और सिंह की सुरक्षा टीम के सदस्यों को समन की तामील करा सके। सूत्रों के मुताबिक सिंह की कड़ी सुरक्षा को देखते हुए एसएफजे के लिए उन्हें समन की तामील कराना काफी मुश्किल होगा। इसके साथ ही एसएफजे के लिए ह्वाइट हाउस और सीक्रेट सर्विस के लिए अदालत से निर्देश जारी करवाने की प्रक्रिया भी मुश्किल होगी। कांग्रेस पार्टी के खिलाफ एसएफजे द्वारा दायर इसी प्रकार के एक अन्य मामले में पार्टी के न्यूयॉर्क में वकील रवि बत्रा ने कहा, ‘स्वतंत्र और संप्रभु देश के नेता के खिलाफ समन सिर्फ सुर्खियां बटोरने की कवायद है।’ 24 पन्ने की शिकायत में आरोप लगाया गया है कि पिछली सदी के आखिरी दशक में बतौर वित्त मंत्री सिंह ने आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए कथित तौर पर सिखों की हत्या के लिए सुरक्षा बल के सदस्यों को इनाम देने केप्रस्ताव को मंजूरी दी थी। शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि 2004 की शुरुआत में बतौर प्रधानमंत्री सिंह ने अपनी पार्टी के उन लोगों को संरक्षण प्रदान किया, जो कथित तौर पर 1984 सिख विरोधी दंगों में शामिल थे। सिख संगठनों ने शुक्रवार को ओबामा-मनमोहन की बैठक के दौरान ह्वाइट हाउस के बाहर ‘जस्टिस रैली’ निकालने की घोषणा की है।