नई दिल्ली। भारत के गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे ने सीधे-सीधे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पर यह आरोप लगाया कि अखिलेश को यह पता था कि मुजफ्फरनगर में दंगा भड़केगा। गृहमंत्री ने सत्तारूढ़ पार्टी को कटघरे में खड़े करते हुए यह भी आरोप लगाया कि सब कुछ जानते हुए भी अखिलेश ने पूरे मामले को हल्के में लिया और दंगे को रोकने की कोशिश भी नहीं की।
गृहमंत्री ने फोन करके मुख्यंमत्री अखिलेश को आगाह किया था लेकिन आश्वासन देने के बाद भी मुख्यमंत्री अखिलेश यादव तत्पर नहीं हुए जिसका परिणाम यह हुआ मुजफ्फरनगर में भड़के दंगे ने सांप्रदायिक शक्ल अख्तियार कर लिया।
शिंदे अनुसार 27 अगस्त को तीन युवकों की हत्या के बाद से ही केन्द्र मुजफ्फरनगर में संवेदनशील हो गया था और तीन दिनों के भीतर ही 22 सौ अर्धसैनिक बल तैनात कर दिये गये थे। शिंदे की मानें तो 28 सौ अन्य सुरक्षाबलों के साथ साथ सेना की दस टुकड़िया भेजने का फैसला भी केन्द्र ने आनन फानन में लिया, और उत्तर प्रदेश सरकार ने ऐसा कुछ उपाय नहीं किया जिससे संभावित दंगों पर रोक लगाई जा सके।
दरअसल, एक निजी न्यूज चैनल के जरिये गृहमंत्री ने यह बात कही। उन्होंने यूपी सीएम से कहा कि मुजफ्फर नगर में तनाव बढ़ रहा है लिहाजा उन्हें सावधान हो जाने की जरूरत है जिसके बाद शिंदे को अखिलेश यादव ने आश्वस्त किया था कि वे व्यवस्था कर रहे हैं, लेकिन वह घटित हो गया जिसे रोकने की कोशिश की जा रही थी।
इस बीच सोमवार को मुजफ्फरनगर में जारी तनाव के बीच केन्द्र सरकार की ओर से पांच हजार सैनिकों के अलावा तीन हजार अन्य अर्धसैनिक बल तैनात किया गया है। मुजफ्फरनगर की घटना को केन्द्र ने बहुत गंभीरता से लिया है और राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह रोजाना दो बार हालात की रिपोर्ट केन्द्र सरकार को दें। इसके साथ ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने नये दिशा निर्देश जारी करते हुए कहा है कि दंगाइयों से बहुत सख्ती से निपटा जाए।
इस बीच खबर है कि उत्तर प्रदेश सरकार ने जो रिपोर्ट केन्द्र को भेजी है उसमें कहा है कि अभी भी करीब दर्जनभर गांवों में स्थितियां संवेदनशील हैं।