लखनऊ।। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने मुजफ्फरनगर दंगा मामले में बीजेपी विधायक सुरेश राणा को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को विधानसभा सत्र खत्म होते ही गिरफ्तारी की यह कार्रवाई की गई। राणा को लखनऊ के गोमतीनगर से अरेस्ट किया गया। इस मामले में यह पहली राजनीतिक गिरफ्तारी है। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में आरोपी दूसरे विधायकों को भी जल्द अरेस्ट किया जा सकता है। विधायक की गिरफ्तारी से बीजेपी और अखिलेश सरकार के बीच टकराव बढ़ सकता है।
मुजफ्फरनगर दंगों में चार बीजेपी विधायक हुकुम सिंह, संगीत सोम, सुरेश राणा और भारतेंद्र सिंह आरोपी हैं और उनके खिलाफ वॉरंट जारी है। राणा ने विधानसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया था, लेकिन तब उन्हें गिरफ्तार नहीं किया गया था। पुलिस ने सोमवार को इन विधायकों को गिरफ्तार करने की कोशिश की थी, लेकिन बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के हंगामे को देखते हुए पुलिस ने अपनी रणनीति बदल दी और आरोपी विधायकों को गिरफ्तार नहीं किया।
कयास लगाए जा रहे थे कि विधायकों की गिरफ्तारी विधानसभा का सत्र खत्म होते ही की जा सकती है। पुलिस महानिरीक्षक (कानून व्यवस्था) राजकुमार विश्वकर्मा ने भी कहा था कि आरोपी विधायकों की गिरफ्तारी जानबूझकर रोकी गई है। उन्होंने कहा था कि सत्र समाप्त होते ही गिरफ्तारी शुरू होगी। शुक्रवार को यही हुआ और लखनऊ के गोमतीनगर में मौजूद बीजेपी विधायक सुरेश राणा को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया। अपनी गिरफ्तारी के बाद सुरेश राणा ने कहा कि वह न भगोड़े हैं और न ही उन्होंने कोई अपराध किया है।
गौरतलब है कि मुजफ्फरनगर हिंसा मामले में बीजेपी के अलावा बीएसपी सांसद कादिर राणा, बीएसपी विधायक सलीम राणा, जमील अहमद, भारतीय किसान यूनियन के राकेश टिकैत और कांग्रेस नेता सईदुज्जमा सहित कई नेताओं के खिलाफ दंगा भड़काने का केस दर्ज है। टिकैत सहित 16 नेताओं के खिलाफ वॉरंट जारी है। सभी पर महापंचायत में भड़काऊ भाषण देने का आरोप है।