नई दुनिया, नाबालिग छात्रा से दुष्कर्म मामले में आरोपी आसाराम को करोड़ों की की सरकारी जमीन गुरुदक्षिणा में देने का मामला कोर्ट पहुंच गया है। बुधवार को विशेष न्यायाधीश डीएन मिश्र की अदालत में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए एक परिवाद पेश किया गया।
इसमें बताया गया कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह जब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, तब आसाराम के न सिर्फ शिष्य थे, बल्कि उन्हें भगवान भी मानते थे। उन्होंने गुरुदक्षिणा में आसाराम को सरकारी जमीन सौंपी थी। इस मामले में मुकदमा दर्ज करने को लेकर 16 सितंबर को बहस होगी।
वादी दिग्विजिय सिंह भंडारी ने कहा कि दिग्विजिय सिंह ने मध्य प्रदेश शासन के स्वामित्व की 6.859 हेक्टेयर भूमि आसाराम के निजी न्यास को प्रदान की थी। इसका बाजार मूल्य 5 करोड़ रुपये था। बावजूद उन्हें यह भूमि मात्र एक रुपये वार्षिक पट्टे पर दे दी गई।
आसाराम व उनके पुत्र नारायण साई को यह भूमि वर्ष 1998 में दी गई थी, जिससे शासन के खजाने को आर्थिक क्षति पहुंची। परिवाद में दिग्विजय सिंह के अलावा तत्कालीन कलेक्टर गोपाल रेड्डी, आसाराम, नारायण साई, आसाराम गुरुकुल के मैनेजर आनंद हरियानी व प्रमुख सचिव राजस्व, मध्य प्रदेश शासन को आरोपी बनाया गया है।