स्वतंत्रता दिवस के मौके पर जब गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के भाषण की कड़ी आलोचना की तो कांग्रेस के अलावा लालकृष्ण आडवाणी को भी उनका यह अंदाज पसंद नहीं आया।
भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने परोक्ष रूप से मोदी को नसीहत देते हुए कहा कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर निजी आलोचनाओं से बचना चाहिए।
आडवाणी ने कहा, ‘स्वतंत्रता दिवस का दिन दोस्ती, भाईचारा और एकता की बातें करने का है। इस दिन कोई निजी आलोचना नहीं होनी चाहिए।’
वहीं विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद ने कहा कि नरेंद्र मोदी किसी बड़े पद पाने के लिए बेकरार हैं। उन्होंने मोदी के भाषण को ‘संकीर्ण राजनीति’ करार दिया।
प्रधानमंत्री और मोदी के भाषण की तुलना पर खुर्शीद ने कहा कि यह ‘छोटी मुंह बड़ी बात’ है। उन्होंने मोदी की प्रधानमंत्री के साथ खुली बहस की मांग को भी खारिज कर दिया।
उल्लेखनीय है कि नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर सभी देशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह एक ही परिवार के भक्त बन गए हैं।
मोदी ने भुज के लालन कॉलेज में तिरंगा फहराया और सभी महापुरुषों को स्मरण किया। उन्होंने देशवासियों से सवाल किया कि क्या आजादी के दीवानों के सपने पूरे हुए हैं? क्या हम मानसिक गुलामी में जकडे़ नहीं हैं?
मोदी ने कहा कि खाद्य सुरक्षा पर कुछ बातें हैं जिस पर चर्चा करनी हैं लेकिन वो तैयार नहीं हैं। दिल्ली में बैठे लोग गरीब की थाली में खाना नहीं, एसिड छिड़क रहे हैं, नमक छिड़क रहे हैं। कोई कहता है दो रुपए में भर पेट खाना मिलता है तो कोई पांच रुपए में।