इंडियन मुजाहिदीन को गुजरात दंगों से जोड़ने वाले बयान पर कांग्रेस ने भले शकील अहमद से किनारा कर लिया हो, लेकिन अपने विवादित बयानों के लिए विख्यात पार्टी महासचिव दिग्विजय सिंह उनके साथ आ खड़े हुए हैं।
दिग्विजय सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ‘धार्मिक कट्टरता आतंकवाद की जड़ में है।’ भाजपा नेता नरेंद्र मोदी के गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले भी भाजपा विभाजनकारी राजनीति कर रही थी।
उन्होंने कहा, ‘आजादी से पहले मुस्लिम लीग इसी तरह की धार्मिक कट्टरता पर अमल करती थी।’
शकील अहमद ने आरोप लगाया था कि प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन इंडियन मुजाहिदीन का गठन गुजरात दंगों की वजह से हुआ था।
इस बयान ने रविवार को सियासी तूफान खड़ा कर दिया था और भाजपा ने इसका कड़ा विरोध किया।
सोमवार को बात बिगड़ती देख कांग्रेस ने इस बयान से पल्ला झाड़ लिया। भाजपा की वेबसाइट पर डाले गए बयान में अरुण जेटली ने कहा था कि कांग्रेसनीत यूपीए सरकार को सत्ता से बाहर होने का डर सता रहा है।
उन्होंने कहा, ‘सरकार को सूझ नहीं रहा कि अर्थव्यवस्था को पटरी पर कैसे लौटाया जाए। यूपीए ने सरकारी नीति में भ्रष्टाचार को नए सिद्धांत के रूप में शामिल कर लिया है।’
कांग्रेस ने इस बयान से दूर करने में जरा वक्त नहीं लगाया था। कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी ने कहा था, ‘यह पार्टी लाइन नहीं है।’
कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरएसएस ने कहा था देश में सभी तरह के आतंकवाद का आधार कांग्रेस है।
आरएसएस नेता राम माधव ने शकील अहमद पर हमला बोलते हुए कहा था कि वे इंडियन मुजाहिदीन के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं।