पंजाब के लुधियाना में न्यू मोती नगर निवासी बलजिंदर कौर ने दावा किया है कि वह ही शहीद सरबजीत की असली बहन है।
इलाके में स्कूल चला रही बलजिंदर के पास हालांकि इस बात को लेकर कोई पुख्ता सबूत नहीं हैं लेकिन वह डीएनए टेस्ट देने को तैयार है।
बलजिंदर का दावा है कि पाकिस्तान की जेल में जब सरबजीत बंद था तो वह उसे अक्सर फोन करता रहता था। उनका परिवार 1984 के दंगों के बाद मथुरा से शिफ्ट होकर लुधियाना आया था।
तब सारे फोटो एवं दस्तावेज दंगों के दौरान नष्ट हो गए। बलजिंदर कौर ने सोमवार को शहर के एक गुरुद्वारे में सरबजीत के निमित्त अंतिम अरदास भी रखी।
बलजिंदर का दावा है कि उसके पिता महंगा सिंह यूपी रोडवेज में ड्राइवर थे। उनके दस बच्चों में छह बेटे एवं चार बेटियां थीं। सरबजीत सातवें नंबर पर था।
उनके पिता महंगा राम के दोस्त सुरखण सिंह के कोई औलाद नहीं थी, उन्होंने सरबजीत को गोद ले लिया और उसे लेकर आगरा चले गए।
जब सरबजीत 13-14 साल का था तो वह भिखीविंड आ गया। 1984 के दंगों के बाद उसका परिवार लुधियाना में जनता नगर में आकर बस गया।
बलजिंदर की दो बहनें बलजीत कौर और तरणजीत कौर पीलीभीत में विवाहित हैं जबकि एक बहन अजीत कौर मुकेरियां के पास उच्ची बस्ती में विवाहित है।