उत्तर प्रदेश में वाराणसी के चौबेपुर मेंडॉन ब्रजेश सिंह का परिवार सतीश सिंह हत्याकांड में पुलिस की भूमिका को लेकर बेहद नाराज है।
परिवार के लोगों ने पुलिस पर अभियुक्तों के खिलाफ कारगर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी सुधीर सिंह और विनोद भारद्वाज को छोड़ दिया गया, जबकि मुख्य आरोपी इंद्रदेव सिंह उर्फ बीकेडी के घर पूछताछ करने एक होमगार्ड तक को नहीं भेजा गया।
धौरहरा गांव में सतीश के घर पर पत्रकारों से बातचीत में ब्रजेश के बड़े भाई व पूर्व भाजपा एमएलसी उदयनाथ सिंह चुलबुल ने आरोप लगाया कि शासन ने मुख्तार अंसारी को छूट दे रखी है और वह जेल से गैंग का संचालन कर रहा है।
दो माह के भीतर हत्या और हत्या के प्रयास की घटना हुई फिर भी पुलिस के बड़े अधिकारी गैंगवार मानने से हिचक रहे हैं। कैंट इलाके में अजय खलनायक और उसकी पत्नी मीरा सिंह पर गोलियां चलाई गईं।
एसटीएफ ने घटना का खुलासा कर दिया, लेकिन जिला पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने का खास प्रयास नहीं किया। नतीजतन चार आरोपियों ने कोर्ट में समर्पण कर दिया, जबकि दो अब भी फरार हैं।
पुलिस की ढिलाई से बदमाशों का हौसला इस कदर बढ़ा है कि उन्होंने दूसरी वारदात को अंजाम दे दिया। ब्रजेश की पत्नी बसपा एमएलसी अन्नपूर्णा सिंह ने भी सतीश सिंह के कातिलों को शीघ्र गिरफ्तार करने की मांग की।
चुलबुल सिंह के पुत्र और जिला पंचायत सदस्य सुजीत सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस की लापरवाही के चलते एक नामजद सतीश सिंह गाजीपुर की अदालत में समर्पण करने में सफल हो गया।
मारे गए सतीश के पिता राम अवतार सिंह ने आरोप लगाया कि पुलिस ने फर्जी मुकदमा दर्ज कर उनके बेटे को हिस्ट्रीशीटर बना दिया। उन्होंने कहा कि यदि पुलिस इस मामले में कार्रवाई नहीं करती है तो हमें आत्मरक्षार्थ खुद कदम उठाने होंगे।