वाशिंगटन। पाकिस्तान की मदद के बिना अमेरिका आतंकी संगठन अलकायदा को हरा नहीं सकता है। यह बात अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कही है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान की ओर से आतंकवाद विरोधी मुद्दों पर कभी भी उम्मीद के अनुरूप सहयोग नहीं मिला है।
ज्वाइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल मार्टिन डेंपसी गुरुवार को संसद की सशस्त्र सेवा समिति के सवालों के जबाव दे रहे थे। उन्होंने कहा, ‘अलकायदा को विघटित कर समाप्त करना और अफगानिस्तान व पाकिस्तान में उसके प्रभाव को रोकना ही हमारी रणनीति और लक्ष्य है। लेकिन यह पाकिस्तान के सहयोग के बिना पूरे नहीं हो सकते हैं।’ राष्ट्रपति बराक ओबामा ने डेंपसी को इस पद पर दोबारा नियुक्त किया है। उन्होंने कहा, ‘हम पाकिस्तान में स्थायित्व और परमाणु हथियारों व तकनीक के प्रसार को रोकना चाहते हैं। सुरक्षा के मोर्चे पर पहले के मुकाबले पाकिस्तान के साथ हमारे रिश्ते अब काफी सीमित हो गए हैं। आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान का सहयोग हमेशा हमारी उम्मीदों के मुताबिक नहीं रहा है। वर्ष 2009 के बाद से पाकिस्तान ने उत्तर पश्चिम इलाकों, दक्षिण वजीरिस्तान सहित स्वात घाटी में आतंकवादियों के खिलाफ अभियान चलाए हैं।’ डेंपसी ने बताया कि गठबंधन सहायता कोष, अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा सहायता बल [आइएसएएफ] और अफगान बलों के साथ सीमा पार सहयोग से पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ अभियानों में मदद मिलेगी। यह हमारे हित में है कि पाकिस्तान आतंकवाद के खिलाफ अभियान को प्रभावशाली तरीके से जारी रखे।