आईएएस अफसर दुर्गा शक्ति नागपाल के निलंबन को दुरुस्त ठहराते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने तर्क दिया था कि उनके आदेश से रबूपुरा में सांप्रदायिक तनाव पैदा हो गया था। लेकिन इस तर्क की हवा निकल गई है।
टीओआई की खबर के मुताबिक गौतम बुद्ध नगर में स्थानीय पुलिस ने सोमवार को इस दलील को दरकिनार करते हुए साफ किया कि इलाके में ऐसा कोई सांप्रदायिक तनाव नहीं था।
पुलिस के दावों की विश्वसनीयता इस बात से भी बढ़ती है कि राज्य सरकार को शनिवार को इस इलाके से सांप्रदायिक तनाव से जुड़ी कोई फील्ड रिपोर्ट नहीं मिली है।
गृह मंत्रालय के कुछ सूत्रों के मुताबिक किसी भी अधिकारी के खिलाफ इस तरह के गंभीर फैसलों की पहल फील्ड रिपोर्ट के आधार पर की जाती है।
रबूपुरा थाने के सीनियर सब इंस्पेक्टर अजय कुमार ने कहा, ‘ऐसा कोई तनाव नहीं था। आप मीडियाकर्मियों से पूछ सकते हैं, जो गौतम बुद्ध नगर में मौजूद थे। मेरे पास इस बात पर यकीन करने की पर्याप्त वजह है कि किसी को रविवार रात तक इस तरह का धार्मिक स्थल की दीवार गिरने के बारे में पता ही नहीं था।’
यह पूछने पर कि क्या वहां पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने वाले तत्वों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया है, इस पर कुमार ने कहा, ‘जब कुछ हुआ ही नहीं, तो केस किसलिए?’