गरीबी का मजाक उड़ाने पर उठे बवाल से कांग्रेस की सांसे फूल गई हैं। गरीबी घटने की योजना आयोग के आंकड़ों के बाद से पनपा विवाद शुक्रवार को और बढ़ गया।
मीडिया की सुर्खियों में राज बब्बर और रशीद मसूद के बयानों पर आलोचनाओं का दौर शुरू हो गया।
मीडिया की सुर्खियों से लेकर आम जनता के गुस्से को देखकर कांग्रेस के पसीने छूट गए। बवाल बढ़ता देख 12 रुपये की थाली से भरपेट खाना खाने की बात करने वाले राज बब्बर को खेद जताना पड़ा।
पार्टी के नेताओं की ओर से पांच रुपये और बारह रुपये की थाली के बयानों से उपजे बवाल को थामने के लिए पार्टी अब डैमेज कंट्रोल की कसरत में जुट गई है।
कांग्रेस को कहना पड़ा कि पांच और 12 रुपये के कुछ नेताओं के बयानों से पार्टी सहमत नहीं है।
रिपोर्टरों ने बाजार में जाकर पांच और 12 रुपये का खाना ढूंढना शुरू कर दिया। लोगों ने खुलकर गुस्सा जाहिर किया। लिहाजा, पार्टी महासचिव अजय माकन को ट्वीट करना पड़ा कि हम नेताओं के इन बयानों से सहमत नहीं है।
उधर, पार्टी की नियमित ब्रीफिंग में कांग्रेस प्रवक्ता रेणुका चौधरी को सवालों का जवाब देना भारी पड़ गया। गरीबी का मजाक उड़ाने वाले इस बयानों से कांग्रेस के कई नेता सहमत नहीं है।
भले ही खुलकर नहीं कहा जा रहा है, लेकिन पार्टी के शीर्ष स्तर पर माना जा रहा है कि ऐसे बड़बोलेपन की वजह से पार्टी को बड़ा सियासी नुकसान हो सकता।
इसी वजह से शुक्रवार को पार्टी की ओर से नुकसान की भरपाई की कोशिश जारी रही। रेणुका चौधरी ने कहा कि राज बब्बर ने अफसोस जता दिया है और अजय माकन ने इन बयानों को नकार दिया है। ऐसे में अब इस मामले को यहीं खत्म कर देना चाहिए।
कहां कितने में मिलती है भोजन की थाली
तिहाड़ जेल—50 रुपये
राज्य के जेलों में—30-32 रुपये
संसद कैंटीन—18 रुपये (सरकार देती है प्रतिदिन 3.5 लाख रुपये की सब्सिडी)
योजना आयोग की थाली—32 रुपये
मुंबई में कांग्रेस कार्यालय कैंटीन—50 रुपये