अमरोहा। रालोद सुप्रीमो अजित सिंह ने अमरोहा के सांसद देवेंद्र नागपाल को पार्टी विरोधी गतिविधियों में सक्रिय बताते हुए रालोद से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। सांसद ने इसे लेकर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए अजित सिंह की भूमिका पर ही सवाल उठाए हैं।
नागपाल ने कहा कि वह जाट आरक्षण की लड़ाई में आंदोलनकारियों के साथ रहना चाहते थे लेकिन रालोद सुप्रीमो अजित सिंह ने इसका विरोध किया। इसी को लेकर मतभेद हुए। सांसद ने आरोप लगाया कि अजित सिंह मनमाने तरीके से संगठन चलाते हैं। कभी कोई पार्टी बैठक नहीं बुलाते। उनके लिए सांसद की राय भी मायने नहीं रखती। इसलिए उनका मन पार्टी से खिन्न था। भविष्य की रणनीति के बारे में उन्होंने कहा कि वे सपा की नीतियों से सहमत हैं, यदि भविष्य में राजनीति करेंगे तो सपा के साथ करेंगे।
उधर, नागपाल को पार्टी से बेदखल करने के अजित सिंह के फैसले की जानकारी देते हुए रालोद जिलाध्यक्ष मुजाहिद चौधरी ने इसे सही कदम बताया। उन्होंने कहा कि सांसद ने पार्टी के साथ धोखा किया था, जिस पार्टी के दम पर वह चुनाव जीते थे, उसी का विरोध शुरू कर दिया था। उनके जाने से संगठन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, बल्कि संगठन और मजबूत ही होगा।
उल्लेखनीय है कि पिछले काफी समय से सांसद नागपाल की सपा से नजदीकी की खबरें चर्चा में थीं। लखनऊ में एक आयोजन के दौरान उन्हें सपा दिग्गज नेताओं के करीब देखा गया था, जबकि उसके कुछ समय बाद एक वक्तव्य में उन्होंने मुलायम सिंह यादव और सपा की नीतियों की तारीफ भी की थी। चर्चा उनके भीतर सपा से अमरोहा संसदीय सीट का चुनाव लड़ने की उनकी चाहत की भी फैली थी, हालांकि इससे नागपाल ने इन्कार कर दिया था, जबकि सपा अमरोहा लोकसभा सीट के लिए पहले ही उत्तर प्रदेश के पंचायती राज राज्य मंत्री कमाल अख्तर की पत्नी हुमेरा अख्तर को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है।