पुणे में भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक में नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस पर जब भी कोई संकट आता है, वह सेक्युलरिज्म का बुर्का पहनकर बंकर में छिप जाती है।
भ्रष्टाचार का मामला हो या मूल्यवृद्धि का, जब सुप्रीम कोर्ट का डंडा चलता हो या जब मंत्री को जेल जाना पड़ता है तब ऐसे संकट की घड़ी में कांग्रेस सेक्युलरिज्म का बुर्का पहनकर बंकर में छिप जाती है
जवाब दें अर्थशास्त्री पीएम
मोदी ने कहा कि आजादी के समय रुपया डॉलर के बराबर हुआ करता था लेकिन आज एक डॉलर का मूल्य 60 रुपये से अधिक हो गया है। पीएम अर्थशास्त्री हैं तो रुपया जमीन पर क्यों है।
चीन की तारीफ
वर्ष 2000 में चीन की कोई यूनिवर्सिटी विश्व की टॉप 500 यूनिवर्सिटी में शामिल नहीं थी जबकि 2010 में 32 विश्वविद्यालय इस सूची में शामिल हैं। जबकि भारत की दो यूनिवर्सिटी उस सूची में थीं लेकिन अब संख्या घटकर एक रह गई है। आखिर चीन ने यह कैसे हासिल कर लिया।
इससे पहले मोदी ने यूपीए सरकार की महात्वाकांक्षी खाद्य सुरक्षा योजना की कड़ी आलोचना की। पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज में छात्र-छात्राओं के बीच दिए भाषण में उन्होंने कहा कि केंद्र को ये आभास हो रहा है कि महज खाद्य सुरक्षा बिल ला देने से जरूरतमंदों की थाली तक भोजन पहुंच जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘दिल्ली की सरकार सोचती है कि केवल खाद्य सुरक्षा बिल लाने से आपकी थाली में भोजन आ जाएगा।’
2014 लोकसभा में भाजपा की ओर से प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार नरेंद्र मोदी ने छात्र-छात्राओं से कहा कि देश भर में निराशा का महौल है।
राष्ट्र निर्माण, मानव संसाधन और आर्थिक विकास पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि भारत को पश्चिम को अनुगामी बनाए बिना आधुनिक बनाने के जरूरत है।
शिक्षा और आर्थिक गतिविधियों में गुजरात के विकास की तारीफ करते हुए मोदी ने कहा कि देश में प्रतिभाओं के पोषण की जरूरत है। हमें यदि बेहतर शिक्षा चाहिए तो बेहतर शिक्षक भी तैयार करने होगे, लेकिन ये हमारी प्राथमिकता नहीं है।
मोदी ने कहा कि हम गुलामी की मानसिकता से बाहर नहीं आ पा रहे हैं। इस देश में भी कुछ न कुछ देने का सामर्थ्य है लेकिन इसके लिए हमें नई सोच की जरूरत है।
कांग्रेस की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री बनने के लिए मोदी खुद को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहार वाजपेयी के अवतार के रूप में पेश कर रहे हैं। मगर उन्हें समझना होगा कि उन पर वर्ष 2002 के सांप्रदायिक दंगों का कभी न मिटने वाला दाग लगा हुआ है। इसलिए वह लाख कोशिश करने के बाद भी वाजपेयी नहीं बन सकते।–सचिन पायलट, कंपनी मामलों के मंत्री