मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जन आशीर्वाद यात्रा से भाजपा की राष्ट्रीय प्रचार समिति के अध्यक्ष नरेंद्र मोदी नदारद हैं।
हालांकि दो दिन पहले मीडिया में उठे विवाद के बाद कुछ स्थानों पर नरेंद्र मोदी के पोस्टर जरूर लगा दिए गए हैं। मगर आधिकारिक तौर पर जितने भी विज्ञापन छपे हैं, उसमें नरेंद्र मोदी नहीं हैं।
इस यात्रा में मुख्यमंत्री ने साफ संदेश दे दिया है कि वह लालकृष्ण आडवाणी खेमे की ओर हैं और मुस्लिम मतों को आकर्षित करने के लिए नरेंद्र मोदी से दूरी रखी जा रही है। सोमवार को उज्जैन में यह यात्रा आरंभ हुई।
जन आशीर्वाद यात्रा की प्रचार सामग्री में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी, पार्टी अध्यक्ष राजनाथ सिंह, प्रदेश प्रभारी अनंत कुमार, विदिशा से सांसद सुषमा स्वराज और पार्टी अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर के फोटो सभी पोस्टरों और अखबारों में छपे विज्ञापनों में हैं।
पार्टी के प्रवक्ता दीपक विजय वर्गीय ने कहा कि प्रोटोकॉल के हिसाब से फोटो का चुनाव किया गया है। वैसे भी यह यात्रा लोकसभा चुनावों के लिहाज से नहीं हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी आडवाणी की पोस्टरों में उपस्थिति पर कहा कि आडवाणी जी और अटलजी हमारे संरक्षक हैं और उन्होंने पार्टी को कई नेता दिए हैं।
शिवराज ने कहा, ‘अटल हमारे आराध्य हैं और आडवाणी, सुषमा स्वराज, अरुण जेटली, एमएम जोशी, राजनाथ सिंह और अनंत कुमार हमारा केंद्रीय नेतृत्व है।’
चौहान ने इस पूरे वक्तव्य में कहीं भी नरेंद्र मोदी का नाम नहीं लिया। नरेंद्र मोदी से मध्य प्रदेश में भाजपा की यह दूरी सोची समझी रणनीति भी मानी जा रही है।
एक, शिवराज सिंह चौहान की छवि कट्टर हिंदूवादी नेता की नहीं है, जैसी नरेंद्र मोदी की है। इसलिए अगले विधानसभा चुनाव में वह मुस्लिम मतों का एक हिस्सा प्राप्त करना चाहेंगे।
दूसरे, भाजपा विधानसभा चुनावों में मुख्यमंत्रियों को अपनी रणनीति बनाने की ज्यादा स्वतंत्रता देना चाहती है।